आरती: जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..
एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी .
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ..
अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया .
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
श्री गणेश चर्तुर्थी पर पालीवाल वाणी, संस्था ब्राह्मण परिवार, पालीवाल संस्था की ओर से हार्दिक शुभकामनाए...
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Sunil Paliwal-Indore M.P.
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