दिल्ली

महंगाई से थोड़ी राहत : दिसंबर की तुलना में जनवरी में कम रही थोक महंगाई दर

Paliwalwani
महंगाई से थोड़ी राहत : दिसंबर की तुलना में जनवरी में कम रही थोक महंगाई दर
महंगाई से थोड़ी राहत : दिसंबर की तुलना में जनवरी में कम रही थोक महंगाई दर

दिल्ली. महंगाई के मामले में आम लोगों को थोड़ी राहत मिली है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक दिसंबर की तुलना में जनवरी में होलसेल महंगाई (WPI Inflation) कम रही है. डब्ल्यूपीआई महंगाई को थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई कहते हैं. थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर बढ़ने से आम जनजीवन पर असर पड़ता है क्योंकि सामानों की सप्लाई महंगी हो जाती है. सरकारी आंकड़ा बताता है कि पिछले साल दिसंबर की तुलना में इस साल जनवरी में इसमें मामूली कमी देखी गई है. दिसंबर में WPI महंगाई दर 13.56 प्रतिशत थी जो जनवरी में घटकर 12.96 परसेंट हो गई. यहां डब्ल्यूपीआई का अर्थ होलसेल प्राइस इंडेक्स है. यह ऐसा इंडेक्स है जिस पर थोक सामानों की कीमतों का पता चलता है. हाल के कुछ महीनों में डब्ल्यूपीआई महंगाई (Price Rise) दर में बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन जनवरी में इसमें थोड़ी राहत दिखी है.

जनवरी महीने में थोक महंगाई में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. जनवरी में थोक महंगाई 12.96 फीसदी रही. दिसंबर महीने में थोक महंगाई की दर 13.56 फीसदी रही थी. नवंबर में यह महंगाई 14.23 फीसदी थी. यह लगातार दसवां महीना है जब थोक महंगाई की दर डबल डिजिट में रही है. पिछले दिनों खुदरा महंगाई का डेटा जारी किया गया था. दिसंबर में खुदरा महंगाई 5.59 फीसदी रही थी. यह पांच महीने का उच्चतम स्तर है. नवंबर में खुदरा महंगाई 4.91 फीसदी, अक्टूबर में 4.48 फीसदी रही थी. एक साल पहले दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 4.59 फीसदी रही थी.

थोक महंगाई घटने का अर्थ

हाल के महीनों में जो महंगाई देखी गई उसकी वजह खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई दर में वृद्धि देखी गई. यही हाल थोम मूल्य सूचकांक या होलसेल महंगाई दर में भी देखी गई. WPI थोक बाजारों में सामान की कीमतों की स्थिति बताता है. थोक या होलसेल दर बढ़ने से इस सूचकांक में तेजी देखी जाती है. यह महंगाई तब आती है जब थोक में खरीदे जाने वाले सामान में महंगाई आती है. जाहिर सी बात है कि जब होलसेल रेट बढ़ेंगे तो खुदरा दाम भी बढ़ जाएंगे और खुदरा महंगाई में तेजी देखी जाएगी. लेकिन चूंकि अब होलसेल रेट में कमी देखी जा रही है, तो खुदरा महंगाई में भी धीरे-धीरे कमी देखी जाएगी.

महंगाई का पूरा हिसाब

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के बावजूद जनवरी, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) महंगाई घटकर 12.96 प्रतिशत पर आ गई. सरकारी आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली है. दिसंबर, 2021 में थोक महंगाई 13.56 प्रतिशत और जनवरी, 2021 में 2.51 प्रतिशत पर थी. थोक महंगाई अप्रैल, 2021 से लगातार दसवें महीने 10 प्रतिशत से ऊंची बनी हुई है. आंकड़ों के अनुसार, जनवरी, 2022 में खाद्य वस्तुओं की महंगाई बढ़कर 10.33 प्रतिशत पर पहुंच गई. दिसंबर, 2021 में यह 9.56 प्रतिशत थी.

इसी तरह समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मूल्यवृद्धि 34.85 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो पिछले महीने 31.56 प्रतिशत थी. दालों, अनाज और धान की महंगाई माह-दर-माह आधार पर बढ़ी. अंडा, मांस और मछली की महंगाई जनवरी में 9.85 प्रतिशत रही. दूसरी ओर आलू के दाम महीने के दौरान 14.45 प्रतिशत और प्याज के 15.98 प्रतिशत कम हुए. बने हुए सामान की महंगाई जनवरी में घटकर 9.42 प्रतिशत पर आ गई. दिसंबर, 2021 में यह 10.62 प्रतिशत थी. जनवरी में ईंधन और एनर्जी के क्षेत्र में महंगाई 32.27 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 32.30 प्रतिशत थी.

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