दिल्ली
दिल्ली में नया बिजली बिल का रेट तय : नही बढ़ेगा बिजली बिल, ई-वाहन चार्ज करने के लिए सस्ती बिजली
Paliwalwaniदिल्ली में गैस आधारित बिजली संयंत्रों को सस्ती एपीएम (प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र) गैस नहीं मिलती है। इससे इन संयंत्रों का बिजली उत्पादन लागत ज्यादा है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रलय के सामने यह मामला उठाया है। दिल्ली के उपभोक्ताओं और पर्यावरण के हित में गैस आधारित संयंत्रों को एपीएम गैस उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
ई-वाहन चार्ज करने के लिए सस्ती बिजली
राजधानी में इलेक्टिक वाहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ई वाहन को चार्ज करने के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। चार्जिग स्टेशन पर ई-रिक्शा व अन्य ई वाहनों की बैटरी लोग सस्ती दरों पर चार्ज करा सकेंगे। लो टेंशन लाइन वाले बिजली कनेक्शन पर ई-वाहन साढ़े चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज किए जा सकेंगे। हाई टेंशन वाले कनेक्शन पर चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल देना होगा।
दिल्ली में नही बढ़ेगा बिजली बिल
कोरोना संकट के चलते आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे दिल्ली वालों को लगातार दूसरे दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने राहत दी है। पिछले साल की तरह इस साल भी बिजली की दरों या स्थायी शुल्क में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है। इसके साथ ही घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को पूर्व की भांति सब्सिडी मिलती रहेगी। इसके साथ ही ई-वाहन चार्जिग स्टेशनों को भी सस्ती दर पर बिजली मिलती रहेगी। लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने को पुराने बिजली संयंत्रों के साथ बिजली खरीद समझौते को खत्म करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। हरित बिजली को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। बिजली की नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।
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लंबे इंतजार के बाद डीईआरसी ने वर्ष 2021-22 के लिए बिजली की दरें घोषित कर दी हैं।
आयोग ने निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) की बिजली दरें बढ़ाने की मांग को नकारते हुए उपभोक्ताओं के हक में फैसला किया है। दिल्ली के लोगों को सस्ती बिजली मिल सके इसके लिए दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्काम) दादरी-एक, अंता गैस, औरैया गैस, दादरी गैस, फरक्का, कहलगांव-एक और ऊंचाहार-दो बिजली संयंत्रों से बिजली खरीद समझौता खत्म करना चाहती हैं। इन संयंत्रों से दिल्ली को 1050 मेगावाट बिजली मिलती है और इसकी दरें ज्यादा हैं। डीईआरसी ने डिस्काम की इस मांग को केंद्रीय विद्युत मंत्रलय के सामने उठाया है।
बिजली की दरों में तो बढ़ोतरी नहीं हुई है,
लेकिन पेंशन ट्रस्ट अधिभार ज्यादा चुकाना होगा। दरअसल सेवानिवृत्त बिजली कर्मियों को पेंशन देने का भार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। अब तक उपभोक्ताओं से बिजली बिल का पांच फीसद पेंशन अधिभार वसूला जाता था, अब इसे सात फीसद कर दिया गया है। इसके साथ ही डिस्काम डीईआरसी के पास बकाया रेगुलेटरी असेट की भरपाई के लिए उपभोक्ताओं से बिजली बिल पर आठ फीसद अधिभार वसूलती रहेगी।