दिल्ली
मर्डर केस का खुलासा: यूट्यूब से सीखकर की बिल्डर की हत्या
paliwalwaniदिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में हुई नामी रियल इस्टेट कारोबारी राम किशोर अग्रवाल की हत्या को बदले की भावना के चलते अंजाम दिया गया था. आखिरकार दिल्ली पुलिस ने दो नाबालिगों को पकड़ा जिन्होंने पूरी प्लानिंग के साथ बुजुर्ग का पहले तकिए से गला दबाया फिर चाकू से गर्दन रेत दी. इसके बाद पेट और गर्दन पर चाकू से तीन वार किए. हालांकि पकड़ा गया एक हत्यारोपी करीब दो साल पहले पीड़ित की कोठी में ही काम करता था और चोरी का आरोप लगने पर उसे काम से निकाल दिया गया था. तभी से आरोपी बदले की भावना मन में पाले हुए था. हत्याकांड से पहले आरोपियों ने गूगल और यूट्यूब पर क्राइम से जुड़ी बारीकियां भी सीख ली थीं.
ऐसे पकड़े गए हत्यारोपी
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव के मुताबिक डीसीपी रोहित मीणा और मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि के जॉइंट ऑपरेशन से इस केस को सुलझाया गया. बीते रविवार की सुबह सिविल लाइन्स इलाके में कारोबारी राम किशोर अग्रवाल की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सिविल लाइन्स थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और मामले की जांच लोकल पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच, मेट्रो पुलिस, स्पेशल सेल की टीम ने शुरू की. वारदात के तरीके से यह साफ हो गया था कि किसी परिचित ने वारदात को अंजाम दिया है. उसे घर के चप्पे-चप्पे और कारोबारी के बारे में जानकारी थी. पुलिस टीम ने आसपास लगे हुए सीसीटीवी कैमरों को देखा और टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली इससे काफी महत्वपूर्ण जानकारी उन्हें हासिल हुई. जिससे पता चला कि आरोपी एक दिन पहले बाइक पर यहां आए थे लेकिन वापस वह बाइक से नहीं गए.
मेट्रो से सफर करना पड़ा भारी
जांच में पता चला कि उन्होंने मेट्रो का इस्तेमाल किया है इसलिए उन्होंने डीएमआरसी से भी मदद ली. बीते 2 मई को आरोपी ने मेट्रो में सफर नहीं किया लेकिन 3 मई को जैसे ही मेट्रो में आरोपी ने प्रवेश किया, इसकी जानकारी पुलिस को मिल गई. पुलिस टीम ने आरोपी को पकड़ लिया उसकी निशानदेही पर दूसरे नाबालिग को भी पकड़ लिया गया.
हत्या के बाद कनॉट प्लेस आकर बनवाया था टैटू
इनके पास से लगभग 11 लाख रुपये, कुछ डॉलर, गहने, घड़ियां बरामद हुई हैं. यह सामान उन्होंने मुकुंदपुर में किराए के घर में रखा था. इनमें से एक नाबालिग कारोबारी के घर काम कर चुका था. उसे चोरी के शक में घर से निकाल दिया गया था. यहां रहने के दौरान उसे कारोबारी का टाइम टेबल एवं घर के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी. उसे यह भी पता था कि कारोबारी अपने कमरे में रुपये कहां रखते हैं. कुछ समय से वह लूट की साजिश रच रहा था इसके लिए उसने यूट्यूब, गूगल पर काफी सर्च किया था. उन्होंने लूट का सामान 1700 रुपये के किराए के मकान में रखा था. लूट की रकम से आरोपियों ने एक मोबाइल खरीदा था. वहीं एक नाबालिग ने कनॉट प्लेस आकर टैटू बनवाया था.
ऐसे की थी हत्या की प्लानिंग
हत्या से पहले दोनों ने लाजपत राय मार्केट से एक टॉय पिस्टल और चावड़ी बाजार से दो सब्जी काटने वाले चाकू खरीदा. इन्होंने 28 अप्रैल को वजीराबाद इलाके से एक बाइक चोरी की. वारदात से एक रात पहले दोनों करीब दस बजे पीड़ित के घर के नजदीक पहुंचे. जहां बाइक खड़ी कर दोनों वहां से चले गए. उन्हें पता था सुबह के वक्त बाइक से एंट्री नहीं मिल सकेगी. क्योंकि वहां गार्ड की तैनाती रहती है. मुख्य नाबालिग आरोपी को पता था बुजुर्ग रोज सुबह साढ़े पांच बजे लॉन में सैर करने के लिए अपने रूम का दरवाजा खोल देता है और इतनी जल्दी परिवार का कोई सदस्य उठता भी नहीं है. साजिश के तहत आरोपी सुबह बाउंड्री वॉल से जम्प कर पीड़ित के घर में पहुंचे. उन्होंने गार्ड के रूम को बाहर से लॉक कर दिया. इसके बाद वे पीड़ित के बेड रूम में गए. उस वक्त बुजुर्ग भजन सुन रहे थे. दोनों ने मौका देख उन्हें काबू में किया और चाकू से गर्दन रेत दी. इसके बाद पेट और गर्दन पर चाकू से वार भी किए. आखिर में वे अलमारी से कैश और ज्वेलरी लेकर फरार हो गए.
आरोपियों का प्रोफाइल
मुख्य नाबालिग आरोपी मूलरुप से मधुबनी बिहार का रहने वाला है. यहां वह वजीराबाद गांव में रह रहा था. वह नौंवी कक्षा तक पढ़ा है. उसने पीड़ित के घर तीन महीने तक काम किया था. उसका पिता भी कुछ समय यहां बतौर ड्राइवर काम कर चुका था. जिसकी सिफारिश पर ही उसे काम पर रखा गया था. वहीं दूसरा नाबालिग आरोपी भी मधुबनी बिहार से है. वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह मुख्य नाबालिग आरोपी के बचपन का दोस्त है. दोनों आरोपी पकड़े जाने से बचने के लिए बिहार भागने की फिराक में थे.