दिल्ली

भगवान कृष्‍ण मंदिर चमत्‍कारिक माने जाते हैं

Paliwalwani
भगवान कृष्‍ण मंदिर चमत्‍कारिक माने जाते हैं
भगवान कृष्‍ण मंदिर चमत्‍कारिक माने जाते हैं

नई दिल्‍ली : भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) का जन्म द्वापरयुग में मथुरा (Mathura) नगरी में हुआ था. भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि समेत देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो आज एक पावन तीर्थ के रूप में जाने जाते हैं. जहां पर जाकर दर्शन एवं पूजन करने मात्र से ही व्यक्ति का दु:ख एवं दुर्भाग्य दूर होता है और सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. आइए इस साल भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने से पहले कान्हा के चमत्कारिक और भव्य मंदिरों के बारे में जानते हैं, जहां दर्शन मात्र से ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, उत्तर प्रदेश

भगवान श्री कृष्ण के बारे में मान्यता है कि उनका जन्म द्वापर युग में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले स्थित एक कारागार में हुआ था. जिस स्थान पर उनका जन्म हुआ था आज वह श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के नाम से जाना जाता है. जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. जन्माष्टमी के पावन पर्व पर तो यहां पर भगवान श्री कृष्ण के भक्तों की भी भारी भीड़ जुटती है.

इस्कॉन मंदिर, दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर, जिसे इस्कॉन मंदिर के रूप में जाना जाता है, भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा एक ऐसा पावन धाम है, जहां जहां पर आठों पहर चलता रहता है हरे राम हरे कृष्णा महामंत्र का जाप चलता रहता है. बेहतरीन वास्तुकला का उदाहरण लिए इस मंदिर में आपको भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ भगवान राम सीता और लक्ष्मण के भी दर्शन करने को मिलते हैं. मंदिर के भीतर वैदिक संस्कृति का प्रचार प्रसार करने वाली कलाकृतियां भी देखने को मिलती हैं.

बांके बिहारी मंदिर, उत्तर प्रदेश

भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर भी है. भगवान श्रीकृष्ण के मनमोहक स्वरूप वाली सांवली प्रतिमा के दर्शन के लिए देश विदेश से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. इस मंदिर का निर्माण 1864 में स्वामी हरिदास ने करवाया था.

भालका तीर्थ, गुजरात

भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा यह पावन तीर्थ गुजरात (Gujarat) के सौराष्ट्र में स्थित है. मान्यता है कि भालका तीथर् वही स्थान है जहां पर कभी भगवान श्री कृष्ण को विश्राम करते समय एक शिकारी की गलती से बाएं पैर में बाण लगा था, जिसके बाद वे पृथ्वी लोक छोड़कर वैकुंठ धाम चले गए थे. चूंकि बाण को भल्ल भी कहते हैं, इसलिए इस पावन तीर्थ को भालका तीर्थ के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस पावन तीर्थ में दर्शन करने मात्र से व्यक्ति सभी पापों से मुक्ति पा जाता है और सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में वैकुंठ धाम को प्राप्त होता है.

द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात

भारत (India) की प्राचीन पुरियों में से एक द्वारका स्थित भगवान श्री कृष्ण का यह धाम उनके भक्तों के लिए बेहद मायने रखता है. यहां पर भगवान श्री कृष्ण द्वारकाधीश के रुप में पूजे जाते हैं. कलयुग में भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा यह पावन तीर्थ सभी दु:खों और पापों से तारने वाला माना गया है.

नोट  : उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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