दिल्ली
एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता : डीपफेक छुरी की तरह, हर हाल में पहुंचाएगी नुकसान
paliwalwaniदिल्ली :
साइबर सुरक्षा के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2023 तक दिल्ली में किया जाएगा, जिसमें दुनिया के तमाम देशों से विशेषज्ञ जुटेंगे. दरअसल, मौजूदा समय एआई बड़ा खतरा बन गया है. साइबर दुनिया के साथ जुड़ना हमारी जरूरत है, ऐसे में यह जरूरी है कि दायरा तय हो.
अंतरराष्ट्रीय साइबर कॉन्फ्रेंस के डायरेक्टर डॉ. पवन दुग्गल ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव अगले कुछ महीनों में होने वाले हैं, ऐसे में डीपफेक से निपटना जरूरी है. हम सरकार को पूरी तरीके से सहायता करेंगे और अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय विशेषज्ञों से चर्चा कर सिफारिशें करेंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से निपटने के लिए नया कानून लाने की जरूरत है. सरकार सही दिशा में काम कर रही है.
उन्होंने लोगों से अपील की डीपफेक मामलों को लेकर चुपचाप न बैठे रहें. इसके लिए शिकायत करना जरूरी है. डीपफेक रामपुरी छुरी की तरह है जो हर हाल में लोगों को नुकसान पहुंचाने वाला है. सावधानी की जरूरत है और सरकार को दोष देने से बचाव नहीं होने वाला है इसलिए जरूरी है कि जागरूक रहें. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि साइबर साइकोलॉजी भी बड़ा खतरा है, जिसके लिए 1 दिसंबर 2023 को सेशन शुरू किए जाएंगे.
एआई विशेषज्ञ साक्षर दुग्गल का कहना है कि मौजूदा समय एआई बड़ा खतरा बन गया है. साइबर दुनिया के साथ जुड़ना हमारी जरूरत है, ऐसे में यह जरूरी है कि दायरा तय हो. चैट जीपीटी हो या फिर किसी अन्य तरह का एआई, सीमा तय करना जरूरी हो गया है. एक अन्य विशेषज्ञ हर्ष मारवाह ने कहा कि हमारा इरादा लोगों को जागरूक करना, सरकार की मदद करना और साइबर अपराध को इंटरनेट की महामारी बनने से रोकना व बचाव करना है. डार्कनेट से लेकर डीपफेक तक तमाम पहलू हैं जिसमें सरकार को विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और अन्य देशों के सुझावों से मदद मिलेगी.
पवन दुग्गल ने कहा कि साइबर सिस्टम अब हमारे जीवन का हिस्सा है और वह पल-पल अपडेट हो रहा है, जिसके मद्देनजर उठने वाली तमाम चिंताओं और साइबर सुरक्षा के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाता है, जो 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक दिल्ली में होगी और पूरी दुनिया के विभिन्न देशों से विशेषज्ञ, सरकारी प्राधिकार समेत कुल 1500 के करीब लोग इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे.
उन्होंने बताया कि इस साल उनका मुख्य फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रहेगा. हाल ही में कई मुद्दे सामने आए हैं. यह दसवीं कॉन्फ्रेंस है, जिसके महत्वपूर्ण सेशन 30 नवंबर से होंगे. इसमें राउंड टेबल भी होगा, जिसमें कानून लागू करने वाली एजेंसियां, सरकारी प्राधिकार और विशेषज्ञ शामिल होंगे. उनका कहना है कि जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड समेत ऐसे तमाम देशों से विशेषज्ञ शामिल होंगे, जहां साइबर क्षेत्र काफी आगे है. साथ ही साइबर दुनिया के कई देशों के शोधकर्ता भी होंगे.