Saturday, 23 August 2025

दिल्ली

अदालतें चुनाव अमान्य करने में जल्दबाजी न करें : Supreme Court

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अदालतें चुनाव अमान्य करने में जल्दबाजी न करें : Supreme Court
अदालतें चुनाव अमान्य करने में जल्दबाजी न करें : Supreme Court

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी उम्मीदवार ने अपनी संपत्ति के बारे में कुछ जानकारी का खुलासा नहीं किया है, अदालतों को अत्यधिक पांडित्यपूर्ण दृष्टिकोण अपनाकर चुनाव को अमान्य करने की जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए।

खासकर तब जब कि इससे चुनाव के नतीजे प्रभावित न हों। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा, कि यह पता लगाना होगा कि क्या इस तरह का छिपाव या खुलासा न करना इतना बड़ा और व्यापक था कि इससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकता था।

पीठ ने कहा, हमारी राय में, असली परीक्षा यह होगी कि क्या किसी भी मामले में संपत्ति के बारे में जानकारी का खुलासा न करना परिणाम का प्रभावित करने वाला या अप्रासंगिक है, जिसका निष्कर्ष चुनाव को वैध या अमान्य घोषित करने का आधार होगा। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि जहां तक संपत्ति और शैक्षिक योग्यता का संबंध है, इसकी घोषणा की आवश्यकता को अनुचित रूप से बढ़ा-चढ़ाकर किसी वैध घोषित चुनाव को, मामूली तकनीकी आधार पर अमान्य नहीं किया जाना चाहिए। यह जनादेश को रद्द करने का आधार नहीं होना चाहिए।

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि जनता की आवाज और सामूहिक विवेक का सम्मान किया जाना चाहिए, जिसे ईश्वरीय सत्ता के सर्वोच्च पद पर भी रखा जा सकता है। पीठ ने कहा, उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि जानने का मतदाता के अधिकार, को मतपेटियों के माध्यम से व्यक्त जनादेश के साथ संतुलित किया जाना चाहिए। जनादेश ही लोकतंत्र का मूल है।

इसके साथ ही न्यायालय ने 3 दिसंबर, 2023 को हुए तेलंगाना विधानसभा चुनावों में बीआरएस उम्मीदवार के रूप में कोवा लक्ष्मी के निर्वाचन के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार अजमेरा श्याम द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि विजयी उम्मीदवार की ओर से फॉर्म 26 हलफनामे में पिछले पांच वित्तीय वर्षों में से चार वर्षों के आयकर रिटर्न का खुलासा न करना कोई महत्वपूर्ण दोष नहीं था।

पीठ ने अपने फैसले में कहा, चुनावी प्रक्रिया में आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, जिसका पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए। साथ ही, संपत्ति और शैक्षिक योग्यता का खुलासा चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त आवश्यकताओं के रूप में माना जाता है। यह महत्वपूर्ण है या महत्वहीन, इस बारे में विचार करने की गुंजाइश है।

न्यायालय ने कहा, उम्मीदवारों के बारे में पूरी जानकारी पाने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का एक अनिवार्य हिस्सा है। लेकिन आयकर रिटर्न, आयकर प्राधिकरण की ओर से मूल्यांकन हेतु वित्तीय रूप से एक घोषणा है, जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति की संपत्तियों और आय पर कराधान करना भर है। तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा चुनाव याचिका खारिज करने के फैसले को बरकरार रखते हुए पीठ ने कहा, इसे संपत्ति के अस्तित्व या आय के स्रोत के तथ्यात्मक विवरण के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

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