बॉलीवुड

थिएटर्स में फिर चला संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' का जादू, दोबारा रिलीज़ होते ही जीत रही है दर्शकों का दिल

paliwalwani
थिएटर्स में फिर चला संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' का जादू, दोबारा रिलीज़ होते ही जीत रही है दर्शकों का दिल
थिएटर्स में फिर चला संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' का जादू, दोबारा रिलीज़ होते ही जीत रही है दर्शकों का दिल

सात साल बाद भी पद्मावत की जादूगरी कम नहीं हुई है। 6 फरवरी 2025 को फिर से रिलीज़ हुई ये फिल्म दर्शकों से जबरदस्त प्यार बटोर रही है और बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। संजय लीला भंसाली की भव्य कहानी और गहरी सांस्कृतिक जड़ें एक बार फिर से लोगों का दिल रही हैं. पद्मावत सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक गाथा है जो हिम्मत, कुर्बानी और जज़्बे की मिसाल पेश करती है.

पद्मावत सिर्फ अपनी भव्यता ही नहीं, बल्कि दमदार कहानी और जबरदस्त किरदारों की वजह से भी खास बनी हुई है। इस फिल्म ने ऑन-स्क्रीन रिश्तों को नए अंदाज़ में दिखाया, और भंसाली की कास्टिंग ने एक्टर्स को अपनी हदें पार करने पर मजबूर कर दिया। रणवीर सिंह का ख़ूंख़ार अलाउद्दीन खिलजी, शाहिद कपूर का गरिमा से भरा रावल रतन सिंह, और दीपिका पादुकोण की शाही लेकिन निडर पद्मावती के किरदार ने मिलकर इस फिल्म को वाकई यादगार बना दिया, जिसे दर्शक फिर से एंजॉय कर रहे हैं।

पद्मावत में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने अपनी परफॉर्मेंस के लिए जबरदस्त मेहनत की। 'घूमर' गाने के लिए दीपिका ने पारंपरिक राजस्थानी नृत्य की गहरी ट्रेनिंग ली और 30 किलो का लहंगा पहनकर 66 से ज्यादा घूमर किए, जिससे उनकी मेहनत साफ झलकती है। वहीं, रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में ढलने के लिए गहरा मानसिक और शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन किया, जिससे वो पूरी तरह से पहचान से परे नजर आए। दोनों की मेहनत और डेडिकेशन ने फिल्म को यादगार बना दिया।

भंसाली की कोई भी फिल्म बिना शानदार म्यूजिक के अधूरी लगती है, और पद्मावत भी इससे अलग नहीं है। एक दिल एक जान, बिंते दिल, घूमर और खलबली जैसे गाने आज भी उतने ही जबरदस्त लगते हैं, जितने फिल्म के रिलीज़ के वक्त थे। ये गाने सिर्फ सुनने में खूबसूरत नहीं हैं, बल्कि फिल्म की कहानी में इस तरह घुले हुए हैं कि हर सीन को और भी दमदार बना देते हैं।

पद्मावत दोबारा बड़े पर्दे पर लौट आई है, और दर्शक इसे फिर से उसी जोश और जुनून के साथ देख रहे हैं। ये सिर्फ एक फिल्म की वापसी नहीं, बल्कि भंसाली की बेहतरीन फिल्ममेकिंग का जश्न है, जो हर कहानी को एक भव्य सिनेमाई अनुभव में बदलने की कला जानते हैं। थिएटर्स में उमड़ी भीड़ और दर्शकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया साबित कर रही है कि पद्मावत का जादू आज भी बरकरार है!

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News