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सुनील दत्त की दी हुई साड़ी नहीं पहनती थी नरगिस, बस चूमकर अलमारी में रख देती थी, जब इसका कारण पूछा तो उन्होंने जवाब कि...
Paliwalwaniमुस्लिम अभिनेत्री नरगिस और हिंदू अभिनेता सुनील दत्त की प्रेम कहानी की आज भी ख़ूब चर्चा होती है. दोनों कलाकारों ने धर्म की दीवारें तोड़कर एक दूजे को अपनाया था. नरगिस की गिनती हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों के रूप में होती है जबकि सुनील दत्त भी हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ों में गिने जाते हैं.
दोनों कलाकारों ने अपने फ़िल्मी करियर में ख़ूब नाम और ख़ूब शोहरत हासिल की. ये दोनों ही कलाकार सालों पहले दुनिया छोड़ चुके हैं हालांकि आज भी दोनों की चर्चा होती है. दोनों की प्रेम कहानी भी किसी से छिपी नहीं है. दोनों की प्रेम कहानी की आज भी मिसालें दी जाती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि दोनों का प्रेम गंगाजल जैसा पवित्र था.
बता दें कि सुनील दत्त और नरगिस ने फिल्मों में साथ में भी काम किया था. बताया जाता है कि जब सुनील दत्त को नरगिस जानती तक नहीं थी तब से ही सुनील नरगिस को पसंद करते थे. दोनों ने साल 1957 में आई हिंदी सिनेमा की बेहद लोकप्रिय फिल्म ‘मदर इंडिया’ में काम किया था. हालांकि दोनों कलाकार मां-बेटे की भूमिका में देखने को मिले थे.
बता दें कि पहली बार नरगिस और सुनील दत्त ‘मदर इंडिया’ के सेट पर ही मिले थे. यहां नरगिस के लिए सुनील दत्त का प्यार और बढ़ गया. एक बार फिल्म के सेट पर आग लग गई थी. आग की लपटों से नरगिस घिर चुकी थी. कोई उन्हें बचाने नहीं आया और सुनील ने अपनी जान की परवाह किए बिना नरगिस को बचाने के लिए छलांग लगा दी.
आग में से नरगिस को दत्त साहब तो सुरक्षित बचा लाए थे हालांकि वे आग की लपटों में झुलस गए थे. इस वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें बुखार आ गया था और झुलसने के कारण वे कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे. अस्पताल में दत्त साहब का ख़्याल रखने के लिए नरगिस भी रुक गई.
सुनील तो नरगिस को पहले से ही प्यार करते थे वहीं अस्पताल में सुनील पर नरगिस भी अपना दिल हार बैठी. जिस शख़्स ने नरगिस की जान बचाई थी उन्होंने फिर उसी के साथ अपना सारा जीवन बिताने का फ़ैसला किया. इन दोनों सितारों ने फिर साल 1958 में शादी रचा ली थी.
सुनील दत्त की दी हुई साड़ी नहीं पहनती थी नरगिस…
दोनों की प्रेम कहानी का एक किस्सा यह भी बहुत मशहूर है कि नरगिस सुनील दत्त द्वारा दी हुई साड़ियां नहीं पहनती थीं. बताया जाता है कि पति से तोहफ़े के रूप में मिलने वाली साड़ी को नरगिस चूमकर अलमारी में रख देती थी.
पत्नी को सजता संवरता देख दत्त साहब को काफी अच्छा लगता था. वे अक्सर नरगिस के लिए साड़ियां लाते थे और उन्हें तोहफ़े के रूप में देते थे हालांकि नरगिस उन साड़ियों को नहीं पहनती थी. एक बार जब इसका कारण दत्त साहब ने नरगिस से पूछा था तो उन्होंने जवाब दिया था कि, ”आप जो भी साड़ियां लाते हैं मुझे वो बिल्कुल पसंद नहीं आती. उन्हें मैं चूमकर इसलिए अलमारी में रखती हूं, क्योंकि वह आपने मुझे तोहफे में दी है”.
नरगिस का जवाब सुनकर दत्त साहब की हंसी नहीं रुकी थी. वे जोर-जोर से हंसने लगे थे. बता दें कि कैंसर के कारण नरगिस का साल 1981 में निधन हो गया था. जबकि साल 2005 में सुनील दत्त ने दुनिया को अलविदा कह दिया था.