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कंगना - गांधी जी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो जाए, न हिम्मत थी न खून में उबाल

Paliwalwani
कंगना - गांधी जी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो जाए, न हिम्मत थी न खून में उबाल
कंगना - गांधी जी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो जाए, न हिम्मत थी न खून में उबाल

हिंदी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत अक्सर किसी न किसी विवाद में यह ख़ूबसूरत अदाकारा फंसती रहती है. बीते कुछ दिनों से वे आजादी को भीख बताने वाले बयान पर विरोधियों के निशाने पर बनी हुई है. वहीं अब उन्होंने महात्मा गांधी पर बड़ा बयान देकर फिर से अपने विरोधियों को उनके ख़िलाफ़ बोलने का खुला न्योता दे दिया है.

सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने वाली कंगना ने इंस्टाग्राम पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर गांधी जी के ख़िलाफ़ बड़ा और विवादित बयान दिया है. इस पर लोग उन्हें जमकर निशाने पर लें रहे हैं वहीं कंगना को सपोर्ट करने वाले लोगों की भी कोई कमी नहीं है.कंगना की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें एक्ट्रेस ने यह दावा किया है कि गांधी जी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए.

कंगना रनौत ने साथ ही अपनी हालिया सोशल मीडिया पोस्ट में गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक बताया है. इस पर अब जमकर बवाल मच गया है. एक्ट्रेस ने इसी बीच लोगों को ख़ास सलाह दी और महात्मा गांधी पर हमलावार होते हुए कहा कि, लोग अपना हीरो समझदारी से चुनें. अभिनेत्री ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि ‘जो स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे उन्हें तो लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, क्योंकि उनमें न तो हिम्मत थी और न ही खून में उबाल.’ अभिनेत्री ने आगे लिखा कि, ‘वो सिर्फ सत्ता के भूखे थे और चालाक थे.

उन्होंने हमें सिखाया कि अगर कोई तुम्हें थप्पड़ मारे तो अपना दूसरा गाल आगे कर दो, इस तरह तुम्हें आजादी मिल जाएगी. लेकिन ऐसे किसी को आजादी नहीं मिलती सिर्फ भूख मिलती है. अपना हीरो समझदारी से चुनें.’

गांधी जी ने कभी भगत सिंह और नेताजी का समर्थन नहीं किया…

कंगना ने यह दावा किया कि गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए. एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि, ‘गांधी जी ने कभी भी भगत सिंह और नेताजी का समर्थन नहीं किया. कई ऐसे सबूत हैं जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए. इसलिए आपको चुनना है कि आपको किसका समर्थन करना है.’

जयंती मनाना ही काफी नहीं…

कंगना रनौत यहीं नहीं रुकी. आगे उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ‘उन सबको यादों के एक बॉक्स में समेट कर सिर्फ उनकी जयंती पर उन्हें याद करते हुए विश करना सच कहूं तो काफी नहीं है. बल्कि ये मूर्खतपूर्ण होने के साथ-साथ गैरजिम्मेदाराना भी है. हर इंसान को अपने इतिहास और अपने हीरो के बारे में पता होना जरुरी है.’

1947 नहीं 2014 में मिली असली आजादी…

कंगना रनौत को हाल ही में सिनेमा के क्षेत्र में उनके शानदार योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने देश के चौथे सबसे ऊंचे नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था. इसके बाद अदाकारा ने एक समाचार चैनल से बात की थी और इस दौरान उन्होंने कहा था कि, देश को साल 1947 में जो आदाजी अंग्रेजी हुकूमत से मिली थी वो भीख में मिली आजादी थी जबकि हिन्दुस्तान को असली आजादी साल 2014 में मिली थी.

कंगना के इस बयान पर बवाल जारी है और लोगों ने उन्हें मिले पद्मश्री सम्मान वापस लेने की भी मांग की है. हालांकि दूसरी ओर कंगना भी ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

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