भोपाल
इस्तीफा देने वालीं एसडीएम निशा बांगरे की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात
Paliwalwaniभोपाल :
अपने पद से इस्तीफा देने वालीं छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे ने शुक्रवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर उनसे मुलाकात की है। निशा बांगरे का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन कमलनाथ से मुलाकात के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि वे बैतूल जिले के आमला से चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि कमलनाथ से मुलाकात के बाद निशा बांगरे ने कहा कि सामान्य मुलाकात करने आई थीं।
दरअसल निशा बांगरे ने आमला में नवनिर्मित अपने मकान का लोकार्पण कार्यक्रम 25 जून को रखा था। इसी दिन यहां अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसके संयोजक निशा बांगरे के पति थे। निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर सर्वधर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी। अनुमति नहीं मिलने का हवाला देकर निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, प्रशासन की तरफ से बिना अनुमति विदेशी पर्यटकों को आयोजन में शामिल करने पर आयोजन समिति को नोटिस भी जारी किया गया था। इस्तीफा देने के बाद निशा बांगरे को भोपाल में पदस्थापना के दौरान आवंटित एफ टाइप मकान को खाली नहीं करने का नोटिस थमाया गया, अब मकान भी खाली कर चुकी हैं।
निशा बांगरे एसडीएम बनने के बाद अमला में करीब डेढ़ वर्ष पदस्थ रही हैं। आमला में उन्होंने बतौर एसडीएम अच्छा कार्य किया। हर गरीब की मदद करने के साथ ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने, उनसे मुलाकात के बाद वे क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो गई थीं। इसके बाद वे भोपाल और अब उनकी पदस्थापना छतरपुर के लवकुशनगर में हैं। निशा बांगरे आमला में बीते छह माह से पति के साथ मिलकर लोगों के संपर्क में हैं। बांगरे अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं और आमला विधानसभा क्षेत्र भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। वर्तमान में यहां से भाजपा के डॉ. योगेश पंडाग्रे विधायक हैं।
बैतूल में वर्तमान में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें चार पर कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं। सिर्फ आमला सीट ही भाजपा के कब्जे में है। ऐसे में निशा बांगरे की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी उन्हें आमला से मैदान में उतार सकती है। हालांकि निशा बांगरे पहले कह चुकी हैं कि भाजपा, कांग्रेस जो भी पार्टी उन्हें मौका देगी, वे उसके साथ जा सकती हैं। निशा बांगरे का इस्तीफा अभी सरकार ने मंजूर नहीं किया है, लेकिन वे नौकरी छोड़ने का मन पूरी तरह से बना चुकी हैं। वे अब समाज सेवा के क्षेत्र में ही सक्रिय होंगी।