भोपाल
प्रदेश के कृषि उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचायेंगे - MSP से अधिक मिलने पर ही किसान बाजार में बेचें अपना उत्पाद: मुख्यमंत्री श्री चौहान
Paliwalwaniभोपाल । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की कठिन परिस्थितियों में किसान की कर्मठता ही अर्थ-व्यवस्था का आधार बनी है। प्रदेश में पिछले साल हुए अनाज के भरपूर उत्पादन ने प्रदेश ही नहीं देष को मजबूती प्रदान की। राज्य सरकार किसान की आय को दोगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खेती-प्षुपालन- उद्यानिकी- मछली पालन- सहकारिता को समग्रता में लेकर फसलों के विविधीकरण, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और सही मार्केटिंग से हमारे प्रदेश के उत्पाद देष ही नहीं दुनिया में धूम मचायेंगे। मध्यप्रदेश सरकार का एक वर्श पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान मिंटों हाल में आयोजित राज्य स्तरीय मिषन अर्थ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिशन अर्थ के अंतर्गत भदभदा भोपाल में 47 करोड़ 50 लाख रूप्ये की लागत से स्थापित देश की दूसरी अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का डिजीटली लोकार्पण किया। कार्यक्रम में विभिन्न ग्राम पंचायतों में 260 करोड़ रूप्ये की लागत से बनी 985 सामुदायिक गौ-षालाओं का लोकार्पण और 50 करोड़ रूप्ये से बनने जा रही 145 सामुदायिक गौ षालाओं का षिलान्यास भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिषन अर्थ कार्यøम में 33 विद्युत उपकेंद्रों का लोकार्पण और चार उप केन्द्रों का भूमि पूजन भी किया। इनकी कुल लागत 1530 करोड़ रूप्ये है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा उद्यानिकी रोपणियों में उत्पादित 80 लाख पौधे प्रदेशवासियों को समर्पित किये। इसके साथ ही किसान उत्पादक संगठन और कृशि अधोसंरचना निधि के हितग्राहियों को चेक भी वितरित किये।
कन्या पूजन और मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुए इस कार्यक्रम में पशुलन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, किसान कल्याण तथा कृशि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, उर्जा मंत्री श्री प्रद्युम सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंसकरण मंत्री श्री भारत सिंह कुषवाह तथा विधायक श्री रामेष्वर शर्मा उपस्थित थे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम से सभी जिले डिजिटली जुड़े थे। भोपाल में स्थापित अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला पर लघु फिल्म का प्रस्तुतिकरण भी किया गया।
गोबर षिल्प से बनी मूर्ति व पुस्तक भेंट
मुख्यमंत्री श्री चौहान को पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल द्वारा गोबर से शिल्प से बनी मूर्ति तथा गोबर शिल्प से ही बनी पुस्तक श्काऊ अवर अल्टीमेट सेवियरश् भेंट की गई। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गोबर से ऐसे नवाचार सोच से परे हैं। इन गतिविधियों से लगता है कि हमारी गौ षालायें आत्म-निर्भर होंगी।
कोरोना से सरकार और समाज को मिलकर लड़ना है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरूध लड़ाई राज्य सरकार और समाज को मिलकर लड़ना है। मास्क लगाने के नियम का गंभीरता से पालन करें, इसे किसी भी स्थिति में हल्के में न लें। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वप्रेरणा से टीकाकरण के लिए आगे आने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसके लिए लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए आप सब का सहयोग आवष्यक है।
समर्थन मूल्य से अधिक मिलने पर ही किसान बाजार में बेचें अपना उत्पाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। इस कड़ी में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोड मैप विकसित किया गया। अर्थ व्यवस्था और रोजगार इस रोड मैप के आधार हैं। प्रदेश के युवा और किसानों में क्षमता,प्रतिभा और योग्यता है। किसान उत्पादक संगठन कृशकों की एकता, पहल और प्रगति का प्रतीक बनेगें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिले तो ही वे अपना उत्पाद बाजार में बेचें। राज्य सरकार किसानों का एक- एक दाना खरीदेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सीमन प्रयोगषाला, किसान उत्पादक संगठन, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम, मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना, मवेषियों के लिए यूनिक आईडी जैसी गतिविधियां प्रदेश में कृशि और प्षुपालन का नया अध्याय लिखेंगी।
कार्यक्रम को पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल और किसान कल्याण तथा कृशि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने भी संबोधित किया। अपर मुख्यसचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
सीमन उत्पादन प्रयोगषाला
भदभदा भोपाल में स्थापित सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रोडक्शन फेसलिटी से उच्च अनुवांशिकता के देशी साण्डों जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर और भेंस की मुर्रा नस्लों का सेक्स सॉरटेड उत्पादन किया जा सकेगा। इसके उपयोग से 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होगी जिससे उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की मादाओं की बढ़ोतरी होने से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। बछड़ों के लालन-पालन में अनावष्यक व्यय की बचत होगी। निराश्रित पशुओं की संख्या को भी सीमित किया जा सकेगा।
किसान उत्पादक संगठन (FPO)
एफपीओ के गठन के लिए न्यूनतम 300 से 500 किसान सदस्यों को षामिल किया जाता है। प्रदेश के 418 एफपीओ विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों जैसे बीज उत्पादन, उपार्जन, प्रोसेसिंग,दूध उत्पादन,मुर्गी पालन, षहद उत्पादन और विपणन आदि कार्य कर रहे हैं। एग्रीक्लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की स्कीम से एफपीओ को लाभान्वित कराने का कार्य किया जा रहा है।
एग्रीक्लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम में मध्यप्रदेश प्रथम
इस योजना में कृशि से जुड़े उद्यमी, एफपीओ, स्आर्टअप, स्व-सहायता समूह इत्यादि जो भी लोग कृशि अद्योसंरचना निर्माण के लिए बैंक से ऋण लेना चाहते हैं, उन्हें दो करोड़ की सीमा तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह वित्तीय सहायता कोल्ड स्टोरेज,कोल्ड चैन, वेअरहाउस,साइलो,पैक हाउस, ग्रेडिंग एवं पेकेजिंग यूनिट, लाजिस्टिक सुविधा, ई-राइपनिंग चेम्बर,आदि के लिए प्रदान की जा रही है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देष में प्रथम स्थान पर है।
दो करोड़ 45 लाख गौ-भेंस वंषीय पशुओं को यूनिक आईडी देकर मध्यप्रदेश देश में प्रथम
राज्य के मवेषियों का भी अब यूनिक आईडी होगा। योजना के तहत गौ-भेंस वंषीय पशुओं के कान में टैग लगाया जा रहा है। टैग पर बारह अंकों का आधार नम्बर अंकित है। जिसे इनॉफ साफ्टवेयर में अपडेट किया जा रहा है। साफ्टवेयर में मवेषियों का लेखा जोखा होगा। जो ऑनलाईन भी उपलब्ध होगा। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 45 लाख गौ-भेंस वंशीय पशुओं की टेगिंग की जा चुकी है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देष में प्रथम स्थान पर है।