भोपाल
मंत्री का अंहकार : प्रायवेट स्कूलों की शिकायत करने पहुंचे अभिभावकों से मंत्री ने कहा मरना है तो मर जाओ
Ayush Paliwalभोपाल. राजनीति में कई चेहेरों पर नाकाब समाजसेवा का दम भरते है, जब वास्तविक शिकायत करने कोई जाता है, तो सत्य बात सुन मंत्री स ेलेकर संत्री तक आग बबूला हो जाते है. कल फिर मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री का बेतुका बयान चर्चा में आ गया. कोविड-19 कोरोना संकमण महामारी के चलते लगाए गए जनता लॉकडाउन से मध्य परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. पिछले लगभग डेढ़ साल से काम-धंधे लगभग बंद है, लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना के चलते बंद हुए स्कूल आज तक बंद हैं. प्रायवेट स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा हैं. जनता परेशान होकर उसमें से कुछ अभिभावकों का समूह 29 जून 2021 को भोपाल में स्कूली शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार से मिलने पहुंचे थे. अभिभावकों ने कोरोना काल में प्रायवेट स्कूलों द्वारा फीस वसूली जाने पर आपत्ति दर्ज कराई. निजी स्कूल मनमानी फीस वसूली करने के लिए आदेश पर आदेश जारी कर रहे हैं. स्कूलों के ऐसे अनेक गैरजरूरी दबाव में हम सब परेशान हैं, ऐसी स्थिति में क्या हम मर जाएं...! इतना सुनते हीशिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार भड़क गए और अभिभावकों से कह दिया कि मरना है तो मर जाओ, जो करना है करिए. लेकिन हमारा पीछा छोड़िए...! बेतुके बयान के बाद एक बार फिर श्री शिवराज सिंह चौहान की सारे आम किरकिरी हो रही है, वहीं कांग्रेस बयान पर खुब बयान बाजी करने से बाज नहीं आ रहीं हैं. गैरजिम्मेदाराना बात कहने का तीखा विरोध होना संभव हैं.
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● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क-आयुष पालीवाल...✍️