भोपाल

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों में आक्रोश - अब 4 अक्टुबर 16 को हो सकता है फैसला

Ayush Paliwal
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों में  आक्रोश - अब 4 अक्टुबर 16 को हो सकता है फैसला
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों में आक्रोश - अब 4 अक्टुबर 16 को हो सकता है फैसला

भोपाल। आज एक और जहां दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी खुशी बनाने की चाहत  में  दिन भर मीडिया वालों से पूछते रहे कि जन, जन के मामा श्री शिवराजसिंह चैहान ने कैबिनेट की मीटिंग में क्या निर्णय हुआ। जब उनको बताया गया कि उनका मामला एक फिर भी टल गया तो दैनिक वेतन भोगियों की खुशी काफूर हो गई। मध्यप्रदेश के 48 हजार से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को शासन झुनझुना थमाकर छिन रही है, तरसा रही है, और बार-बार मामले को टाल कर अपना अहंकार दिखा रही है। आज के घटनाक्रम के बाद दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों में काफी आक्रोश देखा गया और प्रदेश सरकार में बैठे आला अधिकारियों पर भी फोड़ा अपना गुस्सा।

दैनिक वेतनभोगियों पर लिये जाने वाले फैसले टाल दिया !

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और अवमानना प्रकरण के बावजूद शिवराज सरकार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को परेशान करने के उदेश्य से काम कर रही है। तमाम दावों के बाद भी आज तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के हित में कोई निर्णय नहीं हुआ। आज  एक बार फिर श्री शिवराजसिंह चैहान की कैबिनेट में दैनिक वेतनभोगियों पर लिये जाने वाले फैसले को फिलहाल टाल दिया गया।

तारीख पर तारीख से परेशान दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के लिए एक बार फिर नई तारीख दी गई है। अब उसे 4 अक्टूबर 2016 की बैठक में फिर से रखा जाएगा। अगर इस एजेंडे को मंजूरी मिलती है, तो दैवेभो को वेतनवृद्धि, 125 फीसदी महंगाई भत्ता, एक लाख रुपए की जगह 2 लाख रुपए ग्रेज्युटी मिलेगी। साथ ही उनका वेतन 3 से 5 हजार रुपए तक बढ़ जाएगा। जिलों में चतुर्थ श्रेणी के पद खाली होते ही उन्हें पदस्थापना मिलेगी।

मध्यप्रदेश सरकार हर मोर्चे पर हार गई

गौरतबल है कि  नियमितीकरण के लिए दैनिक वेतनभोगियों कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट तक काफी लंबी लड़ाई लड़ी। मध्यप्रदेश सरकार हर मोर्चे पर हार गई, फिर भी नियमित नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका लगी। मध्यप्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर शब्दों में लताड़ा। लेकिन फिर भी श्री शिवराजसिंह चैहान सरकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के मामले को टालने वाली नीति पर काम कर रही है। दैनिक वेतनभोगियों कर्मचारियों के मामले में एक छोटा सा भी आदेश जारी नहीं कर प्रदेश के 48 हजार दैनिक वेतनभोगियों कर्मचारियों एवं उनके परिवार के साथ छल-कपट किया जा रहा है जो कताई उचित नहीं। सरकार उद्वार मन रखकर 4 अक्टुबर को दैनिक वेतनभोगियों कर्मचारियों के हक में निर्णय लेकर दीपावली का तौहफा देकर सुनहरा अवसर का लाभ उठा सकती है। बशर्तें उनकी दैनिक वेतनभोगियों कर्मचारियों की मुरादें पुरी कर दे।

पालीवाल वाणी ब्यूरों से आयुष पालीवाल

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