ज्योतिषी
Guru Gochar 2025: इस साल 3 बार तीन गुना तेजी से गुरु बदलेंगे चाल, इन राशियों की आर्थिक स्तिथि पर पड़ेगा असर
Paliwalwani
Guru Atichari: 14 मई को 2025 को गुरु ग्रह अतिचारी चाल से मिथुन राशि में गोचर करेंगे और फिर 11 नवंबर को वक्री चाल चलते हुए फिर 5 दिसंबर को मिथुन राशि में फिर से गोचर कर जाएंगे।
गुरु अतिचारी चाल में तीन गुणा अधिक तेजी के साथ चलते हैं और बहुत कम समय में राशि परिवर्तन करके वक्री अवस्था लौट जाते हैं। ऐसे में साल 2025 में गुरु तीन बार अपनी चाल बदलने वाले हैं। गुरु की अतिचारी चाल से मेष राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, तुला राशि, कुंभ राशि और मीन राशि वालों के सुख-सौभाग्य में अच्छी वृद्धि होगी।
जल्दी जल्दी बदलेगा गुरु का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य के अनुसार अतिचारी चाल का मतलब है कि बहुत तेज चलना और त्वरित होना। यहां गुरु की अतिचारी चाल का अर्थ है कि गुरु जिस राशि में मौजूद हैं, वहां सामान्य चाल ना चलकर बहुत तेजी से गोचर कर रहे हैं।
आमतौर पर गुरु एक राशि से दूसरी राशि में 12 से 13 महीने तक मौजूद रहते हैं लेकिन जब अतिचारी होते हैं, तब वह जल्दी राशि परिवर्तन करते हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों में जैसे करियर, पारिवारिक जीवन, लव लाइफ, तरक्की आदि समेत सभी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं।
ज्योतिष में गुरु ग्रह ज्ञान, करियर, शिक्षा, भाग्य, धर्म, संतान, धन, वैवाहिक जीवन आदि के कारक ग्रह हैं। जब गुरु अतिचारी चाल चलते हैं तब इनके जल्दी प्रभाव देखने को मिलते हैं।
गुरु की अतिचारी चाल का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य के अनुसार गुरु के अतिचारी होने से 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य देखने को मिल सकता है।
मेष राशि, सिंह, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को काफी लाभ मिल सकता है। इस राशि के जातकों का अध्यात्म की ओर अधिक झुकाव हो सकता है, सुख-सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
आपको यात्रा के कई अवसर मिल सकते हैं। आत्मविश्वास में तेजी से वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही नौकरी-बिजनेस में भी काफी लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है।
गुरु गोचर का प्रभाव
1.ज्योतिषाचार्य के अनुसार हं हनुमते नमः, ऊं नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करना चाहिए।
2. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं, लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
3. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। क्योंकि ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है।
4. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।