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ज्योतिष शास्त्र की एक कड़वी सच्चाई - ज्योतिष कोई जादू नहीं

paliwalwani
ज्योतिष शास्त्र की एक कड़वी सच्चाई - ज्योतिष कोई जादू नहीं
ज्योतिष शास्त्र की एक कड़वी सच्चाई - ज्योतिष कोई जादू नहीं

ज्योतिष शास्त्र एक रातों-रात तकदीर बदलने वाला जादू नहीं, बल्कि कर्मों और परिस्थितियों के संकेतों का विश्लेषण है। लोग अक्सर मुफ्त सलाह को गंभीरता से नहीं लेते और इसे मनोरंजन समझते हैं। जानें ज्योतिष शास्त्र को मानने वाले एवं ज्योतिष शास्त्र का विरोध करने वाले, दोनों प्रकार के लोगों के मन की अवधारणाएं और फिर निर्णय लें कि ज्योतिष विज्ञान है या नहीं।

ज्योतिष शास्त्र की एक कड़वी सच्चाई यह है कि, ज्योतिष कोई जादू नहीं है, जो किसी की तकदीर को रातों-रात बदल दे, यह उन संकेतों का विश्लेषण करता है जो व्यक्ति के कर्मों और परिस्थितियों के परिणाम स्वरूप उसके जीवन में प्रकट होते हैं। एक वाकया बता रहा हूं, एक रिटायर्ड फिजीशियन, जो एक मेडिकल कॉलेज के सी.एम.ओ. रह चुके थे, ने मेरे दोस्त को कुछ चिकित्सकीय परामर्श व दवाइयां दीं।

इस पर मेरे दोस्त ने कहा क्या किसी अन्य डॉक्टर को भी दिखा लूं?’ आप समझ सकते हैं कि उस समय सी.एम.ओ. साहब को कितना अपमानित महसूस हुआ होगा। ऐसा ही अपमान तब महसूस होता है, जब जातक जन्म कुंडली दिखाने के बाद दिए गये परामर्श को मजाक में लेता है।

निःशुल्क परामर्श देने वाले ज्योतिषी को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं, ‘टाइमपास’ कह देते हैं। जो लोग ज्योतिष शास्त्र को मनोरंजन समझते हैं, उनसे जब पूछा गया तो वह बताते हैं कि उनके अनुसार भविष्यवाणी जैसी कोई चीज यथार्थ में नहीं होती, यह कुछ लोगों का बनाया हुआ मायाजाल मात्र है। वहीं ज्योतिष शास्त्र पर पूर्ण रूप से विश्वास करने वालों का मानना है कि ज्योतिष शास्त्र के मार्गदर्शन और सलाह के द्वारा उनके जीवन में 90 प्रतिशत निर्णय सही हुए हैं, जिसके कारण व्यक्ति अपने जीवन में प्राप्त होने वाले दुःख एवं हानियों को कम कर सुख-समृद्धि बढ़ा लेते हैं।

ज्योतिष विद्या को न मानने वाले व्यक्ति यह भी तर्क देते हैं कि कभी-कभी जब कोई व्यक्ति किसी ज्योतिषीय भविष्यवाणी पर विश्वास करने लगते हैं तो वह अपने निर्णय और व्यवहारों को उसी के अनुसार ढाल लेते हैं, इस प्रकार भविष्यवाणी सच हो जाती है, परंतु इसका कारण ज्योतिषीय शक्ति नहीं बल्कि व्यक्ति की मानसिक तैयारी होती है।

ज्योतिषी के पास वही लोग जाते हैं जो या तो हर तरफ से हार गए होते हैं या अति महत्वाकांक्षी होते हैं, यानी की अंतिम विकल्प के रूप में ज्योतिष शास्त्र को देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र का अस्तित्व और लोकप्रियता लोगों के विश्वास, उनके अनुभव और इसकी सटीकता पर आधारित होती है। वैसे ज्योतिष शास्त्र को चाहे कोई वैज्ञानिक समझे अथवा मनोरंजन का साधन, ज्योतिष सदैव से ही जनमानस का मार्गदर्शन करते आया है, आगे भी करता रहेगा।

            ????हरिऊँ????

ज्यो. शैलेन्द्र  सिंगला पलवल हरियाणा ✍️

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