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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से भारत में रह रहे घुसपैठियों की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है

S.P.MITTAL BLOGGER
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से भारत में रह रहे घुसपैठियों की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से भारत में रह रहे घुसपैठियों की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है

पड़ोसी बांग्लादेश में जिस तरह हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं उससे भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भले ही अपने राजनीतिक स्वार्थ के खातिर बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत का नागरिक माने, लेकिन ममता और सोरेन जैसे नेताओं को बांग्लादेश के मौजूदा हालातों से सबक लेना चाहिए।

अगसत माह में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में कट्टरपंथी हावी है। ऐसे कट्टरपंथी ही हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे है। हिंदू महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की जा रही है। गंभीर बात तो यह है कि अराजक तत्वों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है। पीड़ित हिंदुओं की कोई कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है। झारखंड के चुनावों में तो पीएम मोदी ने यहां तक कह दिया कि घुसपैठिए आदिवासियों की रोटी और बेटी छीन रहे है। पीएम मोदी के इतना आग्रह किए जाने के बाद भी झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की जीत हुई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि झारखंड घुसपैठियों की कितनी जकड़ में है।

आरोप है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासी लड़कियों से निकाह विवाह कर लिया और अब अपनी आबादी को लगातार बढ़ा रहे है। झारखंड के अनेक जिले घुसपैठिए बाहुल्य हो गए है। इन घुसपैठियों की मानसिकता का अंदाजा बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों से लगाया जा सकता है। भारत के दस राज्यों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो गया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के नेता माने या नहीं, लेकिन देश की एकता और अखंडता को खतरा बढ़ता ही जा रहा है। 

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