आपकी कलम

करवाचौथ प्रतिबद्धता : एक दूसरे की प्रीत की : डॉ. रीना रवि मालपानी

Paliwalwani
करवाचौथ प्रतिबद्धता : एक दूसरे की प्रीत की : डॉ. रीना रवि मालपानी
करवाचौथ प्रतिबद्धता : एक दूसरे की प्रीत की : डॉ. रीना रवि मालपानी

करवाचौथ प्रतिबद्धता : एक दूसरे की प्रीत की

  • मेरा रूठना, तेरा मनाना। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

मेरा दर्प, तेरा अहं। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

  • मेरी अक्षि का धुंधलापन, तेरे साथ की कान्ति। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

बुढ़ापे की लकड़ी, एक दूसरे का चश्मा। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

  • मेरे दुःख की सुध, तेरे लोचन में करुणा। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

अतल प्रणय का प्रतिबिंब। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

  • नत होती कमर, तन की निर्बलता। अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

नश्वर देह, चिरन्तन प्रेम।  डॉ. रीना कहती अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।

  • डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)
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