आपकी कलम
खुद पर रखें भरोसा : महावीर स्वामी के विचार-सकारात्मक विचार वाले और नकारात्मक विचार त्यागें
paliwalwani.com![खुद पर रखें भरोसा : महावीर स्वामी के विचार-सकारात्मक विचार वाले और नकारात्मक विचार त्यागें खुद पर रखें भरोसा : महावीर स्वामी के विचार-सकारात्मक विचार वाले और नकारात्मक विचार त्यागें](https://cdn.megaportal.in/uploads/old/1_1619258605-believe-in-yourself-mahavir.jpg)
दो संत रहते थे एक कुटिया में, एक भिक्षा मांगकर लौटे तो उनकी कुटिया बारिश और तेज हवा की वजह से आधी टूट गई थी जिन लोगों की सोच सकारात्मक होती है, वे हर हालात में सुखी रहते हैं। जबकि नकारात्मक सोच वाले लोग दुखी होने के लिए कोई न कोई वजह जरूर ढूंढ लेते हैं। इस संबंध में दो संतों की एक प्रेरक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में दो संत एक वन में छोटी सी कुटिया बनाकर रहते थे। दोनों दिनभर भक्ति करते और आसपास के गावों से भिक्षा मांगकर जीवन व्यतीत कर रहे थे। एक संत हमेशा सकारात्मक बातें सोचता था, जबकि दूसरा हमेशा नकारात्मक बातों में उलझा रहता था। एक दिन दोनों अपनी दैनिक दिनचर्या के अनुसार भिक्षा मांगने अलग-अलग दिशाओं में निकल गए। शाम को नकारात्मक सोच रखने वाला संत पहले अपनी कुटिया के पास पहुंचा। उस दिन वहां तेज बारिश हुई थी। हवा की वजह से कुटिया आधी टूट गई थी। ये देखकर संत भगवान को कोसने लगा। वह बोल रहा था कि मैं दिनभर तुम्हारी भक्ति करता हूं, फिर भी हमारी आधी कुटिया बर्बाद कर दी। अब हम कहां रहेंगे? वह उदास होकर वहीं बैठ गया। कुछ देर बाद सकारात्मक सोच वाला संत वहां पहुंचा। वह भी वहां दृश्य देखकर समझ गया कि बारिश की वजह से कुटिया टूट गई है, लेकिन आधी कुटिया अभी भी सुरक्षित थी। ये देखकर वह खुश गया और भगवान को धन्यवाद देने लगा। वह बोल रहा था कि भगवान इतने भयंकर तूफान में भी आपने हमारी आधी कुटिया की रक्षा की है। इसमें हम आराम से रह सकते हैं। वह कुटिया में पहुंचा और साफ-सफाई करके वहां रहने की व्यवस्था कर ली।
कथा की सीख : इस कथा की सीख यह है कि हमें हर हालात में सकारात्मक सोचना चाहिए। अच्छी सोच से दुखों को दूर किया जा सकता है। जो लोग नकारात्मक सोचते हैं, वे अच्छी चीजों में भी दुखों को खोज लेते हैं। कथा में एक संत हमेशा दुखी रहता है, क्योंकि उसकी सोच ही नकारात्मक है। जबकि संत सकारात्मक है, इस कारण वह हमेशा प्रसन्न रहता है।