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Amet news : संस्कार भारतीय संस्कृति का प्राण है : साध्वी लब्धि यशा
M. Ajnabee, Kishan paliwalआमेट. अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार आमेट महिला मंडल द्वारा मासिक कार्यशाला तेरापंथ भवन मे विराजित साध्वी श्री लब्धि यशा ठाणा 3 के सानिध्य में रखी गई. कार्यशाला का विषय पौधे को सिच. कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री जी ने नमस्कार महामंत्र से किया.
महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया. साध्वी श्री गौरव प्रभा ने 5 मिनट का श्वास प्रेक्षा ध्यान करवाया. जीवराज सांखला ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किये. महिला मंडल द्वारा आज के विषय पर गीतिका के माध्यम से प्रस्तुत किया. कन्या मंडल व महिला मंडल की बहनों द्वारा मॉडर्न बहू बनी संस्कारी बहु विषय पर सुंदर नाटिका की प्रस्तुति दी.
तेरापंथ सभा मंत्री ज्ञानेश्वर मेहता ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किये. साध्वी श्री कौशल प्रभा ने विषय पर सुंदर गीतिका की प्रस्तुति दी. साध्वी श्री लब्धि यशा ने फरमाया कि संस्कार भारतीय संस्कृति का प्राण है. संस्कार और संस्कृति एक ही धागे की दो गाठे हैं. संस्कार की पैदाइश बचपन में और संस्कृति की सुरक्षा यौवन में होती है.
आज बदलते वातावरण में दोनों पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. जहां बरसात नहीं होती, वहां फैसले खराब होती है और जहां संस्कृति खराब होती है वहां नस्ले खराब हो रही है. बच्चों को प्यार दे उपहार दे, मगर साथ में संस्कार दें. वरना प्यार पॉइजन बन जाएगा.
त्याग संयम तपस्या भारतीय संस्कृति का प्राण है. यहां जीवो शांति से मरो समाधि से कार्यक्रम का कुशल संचालन मयूरी पितलिया ने किया. आभार ज्ञापन महिला मंडल अध्यक्ष संगीता पामेचा ने किया. कार्यक्रम में श्रावक श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही. कार्यक्रम की सूचना जेटीऐन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी.
● M. Ajnabee. Kishan paliwal