आमेट
Amet News : जैन स्थानक में आचार्य भगवंत आनन्द महाराज का 124 वां जन्मदिवस मनाया
M. Ajnabee, Kishan paliwalआमेट. नगर के महावीर भवन में सोमवार को आचार्य भगवंत आनन्द महाराज का 124 वां जन्मदिन मनाया गया. इस अवसर पर साध्वी विनीत प्रज्ञा ने कहा की व्यक्तिगत अपेक्षाओं को गौण कर धैर्य व दूरदर्शिता के साथ श्रमणसंघ का चहुंमुखी विकास किया तथा तत्कालीन जन मानस के श्रद्धेय व वंदनीय बने.
संपूर्ण भारतवर्ष की पदयात्रा करते हुए उन्होंने भगवान महावीर के सिद्धांतों का प्रचार व प्रसार किया. आचार्य भगवन श्रुत व शील के आगार थे. प्रतिभा सम्पन्न दिव्य महापुरुष ने अपनी योग्यता व पात्रता के आधार पर नवकार महामंत्र के 3 पदों का स्पर्श कर श्रमणसंघ के उपाध्याय, प्रधानमंत्री व आचार्य सम्राट बने.
- साध्वी डॉ चन्द्र प्रभा कहा : आचार्य सम्राट आनंद ऋषि महाराज का जन्म चिचोड़ी गांव महाराष्ट्र में माता हुलसा देवी एवं पिता देवी चंद के घर हुआ. उन्होंने 13 वर्ष की आयु में रतन ऋषि महाराज के चरणों में जैन दीक्षा ली. उन्होंने 80 वर्ष की आयु तक अपना संयम पाला. आपको कई भाषाओं का ज्ञान था. आगमोद्धारक, राष्ट्रसंत, आचार्य सम्राट आनंद ऋषि महाराज ज्ञान के सागर थे. उन्होंने तीर्थों, धर्म ग्रंथों के उद्धार के लिए अनेक कार्य किए. उनका तप, त्याग, संघर्ष, तर्क शक्ति आज भी आदर्श प्रेरक है. आचार्य श्री भारत ही नहीं विदेशों में लोकप्रिय थे. महापुरुषों की ही जन्म जयंती मनाई जाती है और वह भी एक दो लोग नहीं पूरी दुनिया मनाती है. जिन शासन की प्रभावना भी उन्होंने बहुत की, करुणा से ओतप्रोत थे. ज्ञान सीखने की काफी ललक थी.
- साध्वी आनन्द प्रभा ने कहा : आचार्य श्री के सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करें तो आत्म कल्याण हो सकता है. आचार्य श्री ने विभिन्ना धर्म ग्रंथ की रचना की जो आज भी शिक्षाप्रद है. उन्होंने कहा कि आगमोद्धारक की कहानी इतिहास के पृष्ठों पर अंकित हो चुकी है. गुरुदेव सदैव अहंकार का त्याग करते थे. उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. वे सरल स्वभाव के धनी थे. उनकी प्रेरणा से बहुत से जीव दया के कार्य हुए.
महापुरुष फूलों की तरह कोमल होते हैं. वे दुनिया में खुशबू को फैलाते हैं. प्रतिकूलता में आकूलता व्याकुलता हो जाती है. दूसरों मैं दोषारोपण करते हैं, कर्म व्यक्ति ही बांधता है. यह जीव दोष देने में आगे रहता है. घबराने से आकुलता अनुकूलता में परिवर्तित नहीं हो सकती.
मीडिया प्रभारी प्रकाश चन्द्र बडोला व मुकेश सिरोया ने बताया कि भीम से अशोक पोखरना, बेंगलुरु से ललित बोथरा सीमा बोथरा अहमदाबाद से विनोद मेरडतवाल इस धर्म सभा में उपस्थित श्री संघ ने आपका स्वागत शालमाला से किया. आचार्य सम्राट आनंद ऋषि महाराज के जन्मोत्सव पर आमेट की महिला मंडल एवं युवा मंडल ने आयबिल करके गुरुदेव के जन्मोत्सव में त्याग का सम्मान दिया. इस अवसर पर धर्म सभा मे श्रावक व श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही. इस धर्म सभा का संचालन ललित डाँगी ने किया.
M. Ajnabee, Kishan paliwal