उत्तर प्रदेश
UP Election : योगी सरकार पर भड़के पूर्व IAS ने कहा-भर्ती निकालो पर पूरी न करो, क्या यह कोई चाल है?
Paliwalwaniयूपी में साल 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है। लेकिन यूपी सरकार लगातार अपनी खामियों को लेकर लोगों के निशाने पर बनी है। कभी बेरोजगारी तो कभी शिक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर यूपी सरकार घेरी जा रही है। हाल ही में पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी यूपीएसआई दरोगा भर्ती परीक्षा साल 2016 को लेकर यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। सूर्य प्रताप सिंह ने सरकार पर तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या यह कोई नई चाल है? भर्ती निकालो पर पूरी मत होने दो।
यूपी सरकार को लेकर किया गया पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सरकार को घेरते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, “18 महीनों से यूपीएसआई दरोगा भर्ती 2016 के अभ्यर्थी ट्रेनिंग के लिए परेशान हैं, मिन्नतें कर रहे हैं, दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पर ना ट्रेनिंग हो सकी, ना ही नियुक्ति।”
ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “क्या यह सरकार की कोई नई चाल है? भर्ती निकालो पर पूरी मत होने दो। कागज पर रोजगार मिल रहा है और सड़कों पर संघर्ष।” पूर्व आईएएस यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपने एक ट्वीट में सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल करते हुए लिखा, “शिक्षा मित्रों को क्या आप अपना दुश्मन मानते हैं योगी जी?”
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के अलावा पूर्व आईपीएस विजय शंकर सिंह ने भी केंद्र व यूपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “पुलवामा में आरडीएक्स कौन लाया, इन्हें आज तक नहीं पता। नोटबंदी में कितने लोग लाइन में लगे-लगे स्वर्ग सिधार गए, इन्हें नहीं पता। लॉकडान में कितने लोग पलायन कर गए, इन्हें नहीं पता।”
पूर्व आईपीएस विजय शंकर सिंह ने ट्वीट में आगे लिखा, “ऑक्सीजन की कमी से कितने मरीज मर गए, इनके पास कोई डाटा नहीं। किसान आंदोलन में कितने किसान धरने पर मर गए, इन्हें नहीं पता। आखिर इन्हें पता क्या है? कितने कांग्रेसी किस राज्य में पाला बदलने वाले हैं, इन्हें पता है। कौन अपने हक के लिए सर उठा रहा है, उसे कैसे दुरुस्त करना है, इन्हें पता है।”
भाजपा की सरकार को घेरते हुए पूर्व आईपीएस ने ट्वीट में आगे लिखा, “किस सूबे में कब चुनाव है, किस घोड़े पर दांव लगाना है, किसे लूप लाइन में डालना है- इन्हें बखूबी पता है। इनकी बेशर्मी की हिम्मत पर ताज्जुब होता है। इन्होंने मान लिया है कि यह देश नहीं भेड़ों का रेवड़ है। अब आप ही तय कीजिए यह देश का निजाम है या ‘लापता गंज’ की सरकार।”