उत्तर प्रदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आए दिन वकीलों की हड़ताल पर तल्ख टिप्पणी
Paliwalwaniइलाहाबाद : मुकदमे के ट्रायल में व्यवधान पैदा करने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा है कि वकीलों (lawyer) की हड़ताल सुप्रीम कोर्ट के हरीश उप्पल केस में दिए गए आदेश का उल्लघंन है. कोर्ट ने कहा, ‘हड़ताल से वकील कोर्ट कार्यवाही में अवरोध नहीं पैदा कर सकते. न्याय प्रक्रिया बिना व्यवधान के निर्बाध चलती रहनी चाहिए. वकीलों (lawyer) की हड़ताल न केवल न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप है.अपितु त्वरित विचारण के कैदियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन भी है.
उप्र बार काउंसिल अध्यक्ष को हाजिर होने को कहा : यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सूरज पासी की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए की. सरकार की तरफ से कहा गया कि याची के खिलाफ आरोप के चश्मदीद गवाह हैं. जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। अपने आदेश में कोर्ट ने उप्र बार काउंसिल के अध्यक्ष को 20 दिसंबर 2022 को हाजिर होकर यह बताने के लिए कहा है कि वह इस मामले में क्या एक्शन लेंगे और भविष्य में इस पर कैसे नियंत्रण करेंगे? ट्रायल कोर्ट प्रयागराज को आदेश दिया : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट प्रयागराज को बार एसोसिएशन के उन पदाधिकारियों का नाम बताने को कहा है, जिन्होंने हड़ताल कर वकीलों को अदालत में आने से रोका.
साथ ही इसकी भी जांच करने के लिए कहा है कि अभियुक्तों को पेश क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने कहा, उस दिन पेश होने वाले अभियुक्तों का नाम दें, यह भी बताएं उन्हें कब गिरफ्तार किया गया था. कब-कब पेश किया गया और नहीं पेश किया गया तो उसका क्या कारण था. अपर सत्र न्यायाधीश प्रयागराज की रिपोर्ट क्या है : अपर सत्र न्यायाधीश प्रयागराज की रिपोर्ट में कहा गया है कि वकीलों की हड़ताल के कारण ट्रायल नहीं हो पा रहा है। केस 16 फरवरी 26 मार्च व आठ नवंबर 2022 को लगा था. पीठ ने टिप्पणी की भारत की अदालतें वकीलों की आए दिन होने वाली हड़ताल का सामना कर रही है.
हड़ताल के कारण ट्रायल नहीं हो पा रहा, अभियुक्त जेल में हैं. रिपोर्ट बताती है कि हड़ताल नियमित फीचर है. इसलिए अध्यक्ष बार काउंसिल कोर्ट में हाजिर हो और इसे रोकने के भविष्य के उपायों की जानकारी दें.