धर्मशास्त्र

किस दिन नहीं होती तुलसी पूजा, नहीं अर्पित होता जल, क्या है इसके पीछे की मान्यता

Paliwalwani
किस दिन नहीं होती तुलसी पूजा, नहीं अर्पित होता जल, क्या है इसके पीछे की मान्यता
किस दिन नहीं होती तुलसी पूजा, नहीं अर्पित होता जल, क्या है इसके पीछे की मान्यता

हर घर में पूरे साल सुबह सुबह हर कोई तुलसी के पौधे में पानी देते हैं, इससे तुलसी माता प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देती है.तुलसी जी को मां लक्ष्मीका रूप माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि बनी रहती है लेकिन रविवार का दिन ऐसा है जब पौधे में पानी नहीं देना चाहिए.

रविवार को तुलसी पर जल न चढ़ाएं 

ऐसे माना जाता है कि रविवार के दिन तुलसी भगवान विष्णु के लिए उपवास रखती हैं. इस दिन तुलसी में पानी देने से उनका व्रत टूट जाता है. ऐसा करने से घर में नकारात्मकता फैलती है. जीवन से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.

एकादशी के दिन भी तुलसी को पानी नहीं देना चाहिए 

ऐसा माना जाता है कि देवी तुलसी का विवाह एकादशी के दिन विष्णु के एक रूप शालिग्राम से हुआ था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव उठानी एकादशी पर रीति-रिवाजों के साथ दोनों की शादी हुई थी. देवी लक्ष्मी एकादशी का व्रत रखती हैं. लक तुलसी जी लक्ष्मी का रूप हैं, ऐसे में इस दिन अगर उनपर जल चढ़ते हैं तो उनका व्रत टूट जाता है और वे नाराज हो जाती हैं और धीरे धीरे पौधा सूखने लगता है.

तुलसी पूजन कैसे करें 

घर में तुलसी को होना बहुत ही शुभ होता है, साथ ही तुलसी पूजन से बहुत लाभ मिलते हैं. नियमित रूप से तुलसी जी को जल अर्पित किया जाता है लेकिन धार्मिक ग्रंथों में रविवार और एकादशी के दिन जल अर्पित करने की मनाही होती है. 

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