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Manipur : ‘मैंने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी, गांव को नहीं बचा पाया’, पीड़िता के पूर्व सैनिक पति का छलका दर्द

Pushplata
Manipur : ‘मैंने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी, गांव को नहीं बचा पाया’, पीड़िता के पूर्व सैनिक पति का छलका दर्द
Manipur : ‘मैंने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी, गांव को नहीं बचा पाया’, पीड़िता के पूर्व सैनिक पति का छलका दर्द

मणिपुर में हुई हिंसा से जुड़े मामले और घटना के वीडियो, फोटो सामने आने लगे हैं। 19 जुलाई को सामने आये वीडियो ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। सरकार के प्रति लोगों में आक्रोश देखने के मिल रहा है। अब सेना के एक रिटायर जवान ने कहा है कि वह देश बचाने के लिए बॉर्डर पर रहा, कारगिल पर भी तैनात रहा लेकिन अपना गांव, अपना परिवार और अपनी पत्नी को नहीं बचा पाया।

पीड़ित महिला के पति का बयान

तीन पीड़ित महिलाओं में से एक के पति ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब गांव को जलाना शुरू किया तो हम जंगल में छिपकर बैठ गये। हिंसा करने वाले लोग जानवरों को भी मार रहे थे तो वो भी जान बचाकर जंगल की तरफ भागे। जहां लोग छिपे हुए थे, वहां पर हिंसा करने वाले लोग भी पहुंच गये।’ सेना के पूर्व जवान ने कहा, ‘एक बाप-बेटे की हत्या कर दी थी और उसकी बेटी और मेरी पत्नी को लेकर गये, उनके कपड़े उतार दिए।’

‘हिंसा करने वालों में से कुछ को पहचान सकता हूं’

सेना के रिटायर जवान ने कहा कि हिंसा के वक्त वहां पुलिस का जवान भी मौजूद था लेकिन वह वहां से पुलिस स्टेशन चला गया और लोग हिंसा करने लगे। जवान ने बताया कि एक तरह पुलिस भाग गई थी और उन्हें खुली छूट मिल गई थी। उन्होंने कहा कि मैं वीडियो में दिख रहे कुछ लोगों को पहचान सकता हूं लेकिन जो दूर के हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल है।

‘महिलाओं से उतरवाए कपड़े, वरना जान से मार देते’

घटना के चश्मदीद सेना के रिटायर जवान ने यह भी बताया कि डर के मारे महिलाओं ने कपड़े उतार दिए, वरना जान से मार देते। उनकी संख्या बहुत ज्यादा थी। उनके पास हथियार था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा हमला होगा। जिस तरह से इन लोगों ने किया, ऐसा तो कोई जानवर भी नहीं करता होगा।

‘देश की रक्षा की लेकिन अपने गांव और पत्नी को नहीं बचा पाया’

सेना में सूबेदार रह चुके पीड़ित महिला के पति ने बताया कि मैं श्रीलंका में था, कारगिल में भी अपने देश के लिए सेवा की लेकिन अब रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी, अपने घर और अपने गांव की रक्षा नहीं कर पाया। सेना के पूर्व जवान ने कहा कि अत्याचार करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले।

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