राजसमन्द

बाल विवाह रोकथाम अभियान : बाल विवाह बच्चों के विकास में बाधक

paliwalwani
बाल विवाह रोकथाम अभियान : बाल विवाह बच्चों के विकास में बाधक
बाल विवाह रोकथाम अभियान : बाल विवाह बच्चों के विकास में बाधक

राजसमंद : राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुठोल में एक दिवसीय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह, मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता विद्यालय प्रधानाचार्य प्रदीप सिंह ने की।

मुख्य वक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता मीनल पालीवाल ने पालीवाल वाणी को बताया की बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी होता हैं। जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है, उसके स्‍कूल से निकल जाने की संभावना बढ़ जाती है तथा उसके आगे बढ़ने और समुदाय में योगदान देने की क्षमता कम हो जाती है।

गर्भावस्‍था और प्रसव के दौरान गंभीर समस्‍याओं के कारण अक्‍सर नाबालिग लड़कियों की मृत्यु भी हो जाती हैं। बाल विवाह किया जाना ना केवल अपराध है बल्कि बाल विवाह उस समाज के  पतन का कारण भी बनता है। पालीवाल ने बताया कि बाल विवाह अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करवाने वाले वर-वधु दोनों पक्षों के माता-पिता, भाई-बहन, अन्य पारिवारिक सदस्यों, विवाह करवाने वाले पंडित व अन्य धर्म गुरू, विवाह में शामिल बाराती, बाजे, घोडे व टेंट वाले, हलवाई और विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित  होने वाले अन्य सभी संबंधित व्यक्यिों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान आदि की जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर राजेश तैलंग, तपन शर्मा, मदन लाल रेगर, सीमा नंदवाना, कुर्बान हुसैन, मोहनलाल भील, दामोदर कुमावत, अम्बालाल भील, नूतन शर्मा, कुसुम गाडरी सहित विद्यालय स्टाफ व कई छात्राएं उपस्थित थी।

  • सामाजिक कुरूतियो की वजह से पिछडती है बेटिया, बाल विवाह समाज के पतन का कारण बनता है. 
  • बाल विवाह रोकथाम अभियान : बाल विवाह बच्चों के विकास में बाधक.
  • मैं योग्य नहीं हूं शादी के, बाल विवाह के हर पल हैं बर्बादी के.
whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News