राजस्थान
पुलिस छावनी बन गया छावनी मोहल्ला, एक जमीन के दो मालिक दोनों के अपने-अपने दावे प्रति दावे
जगदीश राठौर
रतलाम जिला ब्यूरो चीफ जगदीश राठौर
जावरा. प्रतापगढ़ राजस्थान प्रांत के प्रतापगढ़ जिला अंतर्गत अरनोद तहसील के समीप प्रसिद्ध तीर्थ स्थल होरी हनुमानजी की बेशकीमती भूमि के मालिकाना हक को लेकर दो पक्ष डॉ जाकिर कुरैशी व श्री होरी हनुमान मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी आमने-सामने हैं।
जिस पर होरी हनुमान ट्रस्ट के सदस्यों ने नगर पालिका जावरा को पत्र लिखकर सीमांकन करने का आवेदन प्रस्तुत किया था मामले में गुरुवार को नगर पालिका जावरा ने राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को अमले के साथ मौके पर पहुंचकर जमीन की नप्ती कर सीमाकंन करते हुए जमीन पर लगे बोर्ड आदि हटाते हुए विवादित भूमि को श्री होरी हनुमान मंदिर के ट्रस्ट सदस्यों के सुर्पूद किया गया।
जावरा नगर के वार्ड नंबर 22 में छावनी क्षेत्र स्थित 11 हजार 349 वर्ग फीट भूमि का मामला रतलाम जिले में चर्चा का विषय बन गया है जब नगर पालिका एवं राजस्व विभाग की टीम ने सीमांकन किया। यह भूमि पहले डॉ. जाकिर कुरेशी (एक पक्ष) के कब्जे में थी और पूर्व में भी सीमांकन के दौरान विवाद हो चुके हैं। इसलिए शांति एवं सुरक्षा की दृष्टि से पूरे छावनी क्षेत्र को पुलिस ने छावनी में तब्दील करने के बाद सीमांकन किया गया ।
ओर मौके पर श्री होरी हनुमान मंदिर ट्रस्ट ने भूमि स्वामी का अपना बोर्ड लगा दिया। वहीं इसी भूमि को डॉ. जाकिर कुरैशी ने अपनी भूमि होना बताया है (जावरा कोर्ट में सुनवाई हेतु 23 जून 2025 की तारीख लगी है) । इसके लिए आवश्यक दस्तावेज भी होना बताया। इसीलिए करोड़ों रुपए कीमत की ये भूमि चर्चा में है। नगर पालिका जावरा के राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि मंदिर ट्रस्ट के नाम पर दर्ज़ है।
इनका कहना है : तहसीलदार संदीप इवने एवं नगर पालिका जावरा एई शुभम सोनी ने बताया नगर पालिका जावरा के रिकॉर्ड में उक्त भूमि राजस्थान प्रांत के अरनोद तहसील में स्थित प्रसिद्ध मंदिर श्री होरी हनुमान ट्रस्ट के नाम से दर्ज है। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों , सदस्यों ने ही इसके सीमांकन का आवेदन दिया था। सीएमओ दुर्गा बामनिया ने दल गठित किया और पूरी टीम ने गुरुवार सुबह 11 बजे मौके पर पहुंचकर सीमांकन किया है। नगर पालिका जावरा के अधिकारियों का कहना है कि हम सिर्फ सीमांकन करने गए थे। सीमा चिन्ह ले-आउट से मार्किंग करके रजिस्ट्री में दान डॉक्यूमेंट के अनुसार सीमांकन कर दिया है।
मंदिर ट्रस्टियों का कहना है
श्री होरी हनुमान मंदिर ट्रस्ट अरनोद जिला प्रतापगढ़ राजस्थान के पदाधिकारियों ने बताया उक्त भूमि पहले शिवकरण अरोड़ा निवासी जावरा के नाम थी। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट को दान में दी थी। दान-पत्र और रजिस्ट्री भी है। इसी आधार पर नगर पालिका जावरा में नामांतरण हुआ। फिर सीमांकन हुआ था लेकिन मौके पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था। गुरुवार को पुनः सीमांकन करवाया और मौके पर मंदिर ट्रस्ट का बोर्ड लगा दिया गया है। स्थानीय जेल रोड निवासी डॉ. जाकिर कुरेशी द्वारा उक्त भूमि अपनी होने की बात भले कही गई हो लेकिन उनके पास कोई रजिस्टर्ड दस्तावेज नहीं है। जबकि हमारे पास सारे दस्तावेज हैं।
दावा करने वाले का कथन
भूमि को अपनी बताने वाले डॉ. जाकिर कुरैशी का कहना है कि 1976 में शिवकरण अरोड़ा से उक्त भूमि मेरे पिता हाबा कुरेशी ने ₹ 07 हजार में खरीदी थी। इसका बेचाननामा मेरे पास मौजूद है और हमने कोर्ट में डिक्री पारित करने के लिए दावा लगा रखा है। ट्रस्ट ने 2011 में शिवकरण पिता हरिराम अरोड़ा को पत्र दिया था जिसमें लिखा है ट्रस्ट इस भूमि को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है। इस प्रकार इस भूमि पर ट्रस्ट का कोई अधिकार नहीं है।