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देशभर के 130 बांधों में से 25 बांध में आधा पानी भी नहीं, पंजाब-हिमाचल में बड़ी परेशानी, MP-RAJASTHAN के हालत भी चिंता जनक

Paliwalwani
देशभर के 130 बांधों में से 25 बांध में आधा पानी भी नहीं, पंजाब-हिमाचल में बड़ी परेशानी, MP-RAJASTHAN के हालत भी चिंता जनक
देशभर के 130 बांधों में से 25 बांध में आधा पानी भी नहीं, पंजाब-हिमाचल में बड़ी परेशानी, MP-RAJASTHAN के हालत भी चिंता जनक

कमजोर मानसून के चलते इस बार राजस्थान ही नहीं पूरे देश में जल संकट के हालात हैं। सिंचाई और पीने योग्य पानी के लिए देशभर में बने 130 बांधों में महज 6 बांधों में क्षमता के मुताबिक पूरा पानी है, शेष 124 बांधों में सौ प्रतिशत पानी नहीं आया है। देश के 25 बांध तो ऐसे हैं, जहां 50 फीसदी पानी भी नहीं पहुंच पाया है। सेंट्रल वाटर कमीशन की 26 अगस्त को जारी रिपोर्ट में ये पुष्टि की गई है। आने वाले दिनों में मानसून फिर से सक्रिय होता है तो कुछ बांधों में पानी आ सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक देश के बांधों में इस समय 108 बीसीएम (बिलियन क्यूबिक मीटर) पानी है, जबकि पिछले वर्ष ये मात्रा 130.629 बीसीएम पानी था। पिछले दस सालों में इन बांधों में 113.585 बीसीएम पानी रहा है। सीधे तौर पर समझा जाए तो देशभर के बांधों में जितना पानी होना चाहिए, उसका महज 63 परसेंट पानी ही है। पिछले दस वर्षों में इन बांधों में क्षमता से 96 परसेंट पानी रहा है। पिछले साल भी 83 परसेंट पानी था।

पंजाब और हिमाचल में बड़ा संकट

पंजाब और हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा संकट है। हिमाचल प्रदेश में बारिश कम होने से बांधों में पानी कम पहुंचा है। इससे राजस्थान के हजारों किसानों को नहरी पानी मिलने की उम्मीद कम हो गई है। हालात इतने बदतर हैं कि जिन बांधों से राजस्थान को पानी मिलता है, वहां क्षमता से आधा पानी है। उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के किसी भी बांध में क्षमता के मुताबिक पानी नहीं आया है। पंजाब शीर्ष पर है वहां 44 परसेंट पानी कम है, वहीं हिमाचल प्रदेश में 42 और राजस्थान में 19 परसेंट कम पानी आया है। उत्तर भारत के इन तीन राज्यों में आठ बांध हैं, जिसमें चार यानी आधे बांधों में तो 40 परसेंट से भी कम पानी है। 80 से 90 परसेंट तक पानी केवल एक ही बांध में है। 50 से 61 परसेंट पानी वाले तीन बांध हैं।

मध्य भारत में भी हालात अच्छे नहीं

देश के मध्य में स्थित राज्यों में भी इस बार पानी उम्मीद से कम है। मध्य भारत के 23 बांधों में से पांच में तो 40 प्रतिशत से कम पानी है। चार में 40 से 50 प्रतिशत तक पानी आया है। मध्यप्रदेश में तो कुल क्षमता से 26 प्रतिशत कम पानी आया है। वहीं छत्तीसगढ़ में चार प्रतिशत कम पानी है। उत्तरप्रदेश में पंद्रह और उत्तराखंड में चार प्रतिशत पानी आया है।

राजस्थान में हिमाचल का असर

राजस्थान के बांधों में पानी कम आया है, लेकिन इससे भी ज्यादा दिक्कत ये है कि हिमाचल में बारिश कम हुई है। पश्चिमी राजस्थान को हिमाचल प्रदेश के गोबिन्द सागर (भाखड़ा) और पोंग डेम से पानी मिलता है। इस बार भाखड़ा डेम में 64 प्रतिशत पानी है। जबकि पोंग डेम में तो महज 52 प्रतिशत पानी है।

कोटा में हालात ठीक, जयपुर-उदयपुर में खराब

इस बार मानसून का राजस्थान में खास प्रभाव नहीं रहने के कारण कोटा में ही पानी की स्थिति कुछ ठीक है। जयपुर व उदयपुर में स्थिति खराब है। जयपुर को पानी देने वाले बिसलपुर बांध में अभी 50 प्रतिशत पानी है। कोटा को पानी देने वाले माही बजाज सागर बांध में 76 प्रतिशत पानी है। प्रतापगढ़ के जाखम बांध में महज 40 प्रतिशत पानी है। जाखम से ही उदयपुर संभाग को पानी मिलता है।

किसानों को बड़ा नुकसान

नहर विशेषज्ञ नरेंद्र आर्य का कहना है कि इससे देश के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो अधिकांश में पानी क्षमता से कम है। ऐसे में केंद्र सरकार को किसानों के प्रति नरम व्यवहार करते हुए अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए। सिंचाई के लिए हर संभव प्रयास करके पानी देना चाहिए, ताकि देश में अन्न की कमी नहीं आए।

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