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विवादों से है पुराना नाता: आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया में छेड़खानी के आरोप में जाना पड़ा था जेल
Paliwalwaniअखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। शाम को सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी आरे महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए जाने के बाद आनंद गिरि ने इसे हत्या का मामला बताते हुए कहा कि गुरुजी आत्महत्या नहीं कर सकते।
2019 का है मामला
संगम के पास बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक व योग गुरु आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया में 2019 में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर 29 व 34 साल की की दो महिलाओं ने अमर्यादित आचरण करने का आरोप लगाया था। आनंद गिरि उसी साल ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर गए थे। उन्हें वहां एक आध्यात्मिक शिविर में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था। ऑस्ट्रेलियन मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, उन्हें सिडनी स्थित ओक्सले पार्क के वेस्टर्न सबअर्ब से गिरफ्तार किया गया।
एक मामला 2016 का था
आरोप है कि उन्होंने दो अलग-अलग घटनाओं में ऑस्ट्रेलिया निवासी दो महिलाओं से अमर्यादित आचरण किया। जिन दो घटनाओं का जिक्र करते हुए महिलाओं ने उन पर आरोप लगाया है, उनमें से एक तीन साल व दूसरी दो साल पहले की हैं। आरोपों के अनुसार, पहली घटना 2016 की है, जब योग गुरु नए साल के मौके पर रूटी हिल क्षेत्र स्थित एक घर में आयोजित प्रार्थना में शामिल होने गए थे।
आरोप है कि यहां वह 29 वर्षीय महिला से मिले और उससे अमर्यादित आचरण किया। दूसरी घटना भी रूटी हिल क्षेत्र की है, जब नवंबर 2018 में यहां स्थित एक घर में योग गुरु को प्रार्थना के लिए आमंत्रित किया गया था। आरोप है कि यहां उन्होंने 34 वर्षीय महिला के साथ घर के बरामदे में अमर्यादित आचरण किया। आरोप लगाने वाली दोनों ही महिलाएं योग गुरु की परिचित बताई जा रही हैं।
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तब क्या बोले थे गुरु नरेंद्र गिरि
उस वक्त उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने शिष्य आनंद के बचाव में कहा था कि, पीठ थपथपाकर आशीर्वाद की परंपरा को अमर्यादित आचरण करार देते हुए उन्हें आरोपित करते हुए गिरफ्तार किया गया है।
सिडनी कोर्ट से सितंबर 2019 में हो गए थे बरी
आनंद गिरि महाराज को सिडनी कोर्ट, ऑस्ट्रेलिया ने 2019 के ही सितंबर माह में बाइज्जत बरी कर दिया था। अदालत में सभी आरोप निराधार और मन गढ़ंत पाए गए। सिडनी पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए कोर्ट को बताया था स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ आरोप निराधार और असत्य हैं। सिडनी कोर्ट ने स्वामी आनंद गिरि का पासपोर्ट तत्काल रिलीज करते हुए भारत जाने की अनुमति दे दी थी। कोर्ट का फैसला आने के बाद आनंद गिरि ने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं हो सकता। सिडनी कोर्ट ने मुझे ससम्मान निष्कलंक बरी किया है। सनातन धर्म का अपमान करने वाले लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है। सभी को बहुत-बहुत बधाई।