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देश में कहर बनकर टूटती महंगाई
Paliwalwaniदेश में कहर बनकर टूटती महंगाई के आंकड़े बड़े सुहाने लगते हैं, जैसे देश का निरंतर विकास हो रहा हो। थोक महंगाई दर 14.55 से बढ़कर 15.08% हो गई। खुदरा महंगाई दर बीते 8 साल में सबसे ज्यादा है।
बढ़ती महंगाई और घटती भूख। मध्यप्रदेश सरकार के बाबुओं और शिवपुरी के आदिवासियों के हक में काम करने वाले एनजीओ के लिए मानों यह ‘चमत्कारिक जीत’ है। इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की पिछली रिपोर्ट में शिवपुरी जिले को इथोपिया और चाड जैसे भुखमरीग्रस्त देशों की श्रेणी में रखा गया था।
एक अखबार के स्थानीय संवाददाता तो यहां तक बताते हैं कि भूख और कुपोषण पर खबरें करने पर भी अघोषित रूप से रोक लगा दी गई है। वे कहते हैं कि अब तो भुखमरी और कुपोषण की खबरों से मीडिया की भी भूख ‘मर’ चुकी है।
जिले के सहरिया आदिवासियों, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं की स्थिति ठीक वैसी ही है, जैसे कोविड के दौरान शिवराज सिंह चौहान सरकार ने संक्रमण से मारे गए लोगों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाया, ताकि मुआवजा न देना पड़े। इसी तरह का ‘कफन’ अब आदिवासियों की भुखमरी पर भी डाला जा रहा है। शिवपुरी भुखमरी से आज़ाद हो रहा है।