अन्य ख़बरे
ज्यादा मुनाफे के लिए एग्जॉटिक सब्जी और फल की खेती करें किसान : कृषि विशेषज्ञों की सलाह
Paliwalwaniकोविड महामारी के बाद से पोषणयुक्त आहार के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. खानपान में हो रहे बदलाव से कृषि क्षेत्र को एक नया अवसर मिल रहा है, जिसका लाभ हमारे किसान भी उठा रहे हैं. इसी को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे पोषण से भरपूर एग्जॉटिक फल और सब्जियों की खेती करें. इन फल और सब्जियों का उत्पादन कम हो रहा है. इस वजह से बाजार में अच्छी कीमत मिल रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए.
बढ़ती मांग को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक भी आगे आ रहे हैं और तरह-तरह की किस्मों को विकसित किया जा रहा है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी स्ट्रॉबेरी, अंजीर, खजूर, अंगूर, ब्रोकोली, चाइनीज गोभी, अजवाइन, सलाद, मीठी मिर्च और बेबी कॉर्न की कई किस्में विकसित की हैं, जिनकी किसान व्यावसायिक और अपने उपयोग के लिए भी कर सकते हैं.
कई रूपों में रहा इन फल और सब्जियों का इस्तेमाल
विश्वविद्याल में प्रकाशन विभाग की सहायक निदेश शीतल चावला ने द ट्रिब्यून से बातचीत करते हुए कहा कि फलों की खेती प्रोसेसिंग के उदेश्य से भी की जा सकती है. वहीं कई ऐसे उत्पाद हैं, जिनका इस्तेमाल कॉस्मेटिक में किया जा रहा है. इस तरह देखा जाए तो किसानों को हर तरह से लाभ है. वे सामान्य तौर पर फलों को बेच सकते हैं, प्रोसेसिंग कर के कई उत्पाद बना सकते हैं और कॉस्मेटिक के लिए कंपनियां भी खरीद कर रही हैं. इस मौके का उन्हें लाभ उठाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि फलों के अलावा सब्जियों में हमने पालम समृद्धि और पंजाब ब्रोकोली किस्मों को विकसित किया है. साग सरसों और चीनी सरसों की किस्मों की भी किसान खेती कर सकते हैं. चावला ने कहा कि बेबी कॉर्न में निर्यात क्षमता है और इसके मीठे स्वाद के कारण होटल, एयरलाइंस और शिपिंग कंपनियों में इसकी काफी मांग रहती है.
एग्जॉटिक फल और सब्जियों की खेती से किसान आर्थिक रूप से मजबूत भी हो सकते हैं. इन पर सामान्य फल और सब्जियों के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान शुरुआती तौर पर छोटे हिस्से में ही इनकी खेती कर सकते हैं. मुनाफा होने पर वे खुद ही रकबा बढ़ाते जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज के समय में एग्जॉटिक फल और सब्जियों की खेती किसानों के लिए बेहतर विकल्प है.