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IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग फिर बन गया संत, महाकुंभ में वायरल हो रही IItian बाबा की कहानी

Pushplata
IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग फिर बन गया संत, महाकुंभ में वायरल हो रही IItian बाबा की कहानी
IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग फिर बन गया संत, महाकुंभ में वायरल हो रही IItian बाबा की कहानी

MahaKumbh 2025: देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में एक से बढ़कर एक लोग शामिल हो रहे हैं। इस मेले में जहां दुनिया के दिग्गज हस्तियां अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। वहीं सनातन में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे है। इस मेले में चारो ओर लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। कही बाबा नजर आ रहे हैं। तो कहीं सन्यासी नजर आ रहे हैं। कहीं नागा साधु नजर आ रहे हैं। तो बड़े-बड़े अखाड़ों के सिद्ध पुरुष इस मेले में मेले का आनंद ले रहे हैं। इन्हीं सब के बीच एक ऐसे युवा सन्यासी इन दिनों चर्चा में हैं जिन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।

‘क्या करें दुनिया में कभी भी अंत हो सकता है। मौत आएगा तो कौन रोक पाएगा? इस वजह से हंसते रहो।’ ये सभी बातें सुनते ही रिपोर्टर ने पूछ लिया कि ऐसी बातें कर रहे हैं लगता है बहुत पढ़े लिखे हैं। जिस पर बाबा का रूप धारण किए युवा सन्यासी ने बताया कि उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।

नाम से नहीं बल्कि वैरागी कहलाना है पसंद

इस संन्यासी ने आगे बताया, ‘पक्षी पिंजरे की खिड़की से देखता है, किसी के स्वयं से मुक्त होने का इंतजार करता है।’ ज्ञान और दर्शन की बात करने वाले इस युवा योगी से जब उनका नाम बताने को कहा गया तो उन्होंने एक नहीं बल्कि अनेक नाम बताए। उन्होंने मसानी गोरख, बटुक, भैरव, राघव, माधव, सर्वेश्वरी या फिर जगदीश आप किसी नाम से बुला सकते हो।

हालांकि इंटरव्यू कर रहे ने पूछा कि आपका अपना नाम क्या है तो उन्होंने बताया कि उनका नाम अभय सिंह है और वो हरियाणा के रहने वाले हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि वो अभय सिंह के नाम की बजाय वैरागी कहलाना पसंद करते हैं।

731वीं रैंक लाकर मिला था आईआईटी में सिलेक्शन

आईआईटी की पढ़ाई के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वो हरियाणा के झज्जर से 12वीं तक पढ़ाई की। 12वीं तक उनको आईआईटी के बारे में नहीं पता था। फिर उनको स्कूल में कोचिंग के बारे पता चला। 12वीं के बाद उन्होंने तैयारी की और उनका आईआईटी में सिलेक्शन हो गया।

जेईई द्वारा आयोजित परीक्षा में उनको 731 रैंक मिली। उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के बारे में बताया कि रैंक के हिसाब से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ठीक रहेगा। हालांकि पढ़ाई के दौरान उन्होंने नौकरी के बारे में नहीं सोचा।

माता पिता से रहता था टकराव

माता पिता को लेकर अभय सिंह ने कहा कि आए दिन उनका माता-पिता से टकराव होता रहता था। कई बार तो घर वाले पुलिस बुला लेते थे। इन सबको लेकर अभय ने कहा कि अच्छा हुआ मैं घर से निकल गया। साथ ही उन्होंने कहा कि माता-पिता भगवान का रूप नहीं होते बल्कि उनको भी भगवान ने ही बनाया है। वो कॉन्सेप्ट सतयुग में थे अब कलयुग है।

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