मध्य प्रदेश
बाबा बागेश्वर से शादी करने के लिए गंगोत्री से पैदल निकली शिवरंजनी तिवारी
Paliwalwaniमध्यप्रदेश. बागेश्वर धाम पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. पिछले कुछ समय से तेजी से उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़ती जा रही है. उनके भक्तों में युवाओं की तादात भी अच्छी खासी है. बाबा बागेश्वर की शादी की लेकर अक्सर चर्चाएं होती रहती है. शिवरंजनी तिवारी नाम की लड़की की वजह से एक बार फिर से उनकी शादी की खबरों ने जोर पकड़ा है.
शिवरंजनी तिवारी बाबा बागेश्वर से शादी करना चाहती हैं. इसके लिए वो गंगोत्री धाम से बागेश्वर धाम तक की पदयात्रा कर रही हैं. वो 16 जून को बागेश्वर धाम पहुंचने वाली हैं ऐसे में वो इस समय काफी सुर्खियों में हैं. हाल ही में उन्हें यात्रा के दौरान इलाहाबाद एवं चित्रकूट में संतों के साथ देखी गया था. बाबा बागेश्वर की बात करें तो आजकल वो उत्तराखंड में है.
बाबा की दुल्हनियां बनना चाहती हैं शिवरंजनी
बाबा बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री से शादी की कामना करने वाली शिवरंजनी तिवारी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही हैं. वो एमबीबीएस की छात्रा हैं. इसी के साथ वो एक यूट्यूबर और भजन गायिका भी हैं. वो मध्य प्रदेश के सिवनी की रहने वाली है. बाबा से इनका जुड़ाव इतना है कि वो उनसे शादी की कामना के लिए गंगोत्री से सिर पर गंगाजल की गगरी लेकर निकल गई हैं.
वो हजारों किलोमीटर की पदयात्रा करके 16 जून को बाबा बागेश्वर धाम पहुंचेगी. खास बात ये है कि उनके पिता और भाई भी शिवरंजनी के साथ पदयात्रा कर रहे हैं. शिवरंजनी को उम्मीद है कि धीरेंद्र शास्त्री से उनकी मुलाकात जरूर होगी.
चार साल से गा रही हैं भजन
शिवरंजनी तिवारी की बात करें तो वो चार साल से भजन गा रही हैं. उन्होंने खैरागढ़ से 8 साल तक संगीत की शिक्षा ग्रहण की है. बाबा बागेश्वर से शादी के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि वो अपनी इच्छा बागेश्वर धाम सरकार को मिलने पर बताएंगी. जो भी होगा वो समय आने पर बता दिया जाएगा. बाबा बागेश्वर की बात करें तो वो भी शादी की बात पर कह चुके हैं कि वो अपनी माता-पिता की मर्जी से शादी करेंगे.
धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ क्यों कहती है?
शिवरंजनी ने गुड न्यूज टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि धीरेंद्र शास्त्री उनके प्राणनाथ हैं. बाबा बागेश्वर को प्राणनाथ कहने पर शिवरंजनी ने कहा कि साल 2021 से ही मैं उन्हें इसी नाम से पुकारती हूं, जब मैं उनसे पहली बार जुड़ी थी. अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका परिवार जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के परिवार से संबंधित है. इसी वजह से हमारे घर में शुरू से आध्यत्मिक माहौल रहा है.