मध्य प्रदेश

चापड़ा-हाटपीपल्या पर प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट खटाई में : नेताओं और अफसरों ने भी ख्ररीद ली जमीनें-बिल्डर्स सदमे में क्यों...!

sunil paliwal-Anil paliwal
चापड़ा-हाटपीपल्या पर प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट खटाई में : नेताओं और अफसरों ने भी ख्ररीद ली जमीनें-बिल्डर्स सदमे में क्यों...!
चापड़ा-हाटपीपल्या पर प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट खटाई में : नेताओं और अफसरों ने भी ख्ररीद ली जमीनें-बिल्डर्स सदमे में क्यों...!

देवास : मध्यप्रदेश के देवास जिले के चापड़ा-हाटपीपल्या मुख्य मार्ग पर प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एविएशन मिनिस्ट्री की मंजूरी मिल गई थी, जिसके चलते कई बिल्डर्स ने एयरपोर्ट के आस पास जमींन खरीद ली थी लेकिन हाल ही में एक खबर सामने आई है जिसमे फ़िलहाल के लिए एयरपोर्ट के लिए नई जमीन देखने की बात सामने आई है जिससे जमीन खरीदने वाले बिल्डर्स सदमे में आ गए हैं.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नए सिरे से सर्वे करने के लिए 40 लाख रुपए की राशि एमपीआईडीसी ने सौंपी है, जिसकी पुष्टि एमपी मनीष सिंह ने की है। उनके मुताबिक देपालपुर, उज्जैन की तरफ नए सिरे से एयरपोर्ट के लिए सर्वे कराया जा रहा है।

दुरी अधिक होने से बदला फैसला

पिछले 6 महीने से चापड़ा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आस पास की लगभग सभी जमीन को बिल्डर्स ने खरीद लिया है। प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास भी सैकड़ों एकड़ जमीनें खरीदी जा रही है जिसके चलते जमींन के भाव चार से पांच गुना बढ़ गए। मगर अब पता चला कि यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मामला ही लटक गया है, क्योंकि भोपाल से इसकी दूरी 132 किलोमीटर और इंदौर से 46 किलोमीटर है, जिसके चलते उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित सांसद शंकर लालवानी और अन्य विशेषज्ञों ने यह दूरी अधिक बताई है। 

शहर के कई चर्चित प्रॉपर्टी ब्रोकर ने भी इस भी एयरपोर्ट की जगह के आस पास कई एकड़ की जमीन खरीद ली थी, मगर अब एयरपोर्ट को नई जगह शिफ्ट होने के चलते लोगो का करोड़ों रुपए का निवेश डूब सकता है । अब श्री महाकाल लोक के कारण इंदौर से उज्जैन के बीच की जगह को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।

नेताओं और अफसरों ने भी ख्ररीद ली जमीनें, चार गुना से अधिक बढ़े भाव

इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जैसे ही हल्ला मीडिया में मचा उसके बाद जमीनों से जुड़े कारोबारी सक्रिय हो गए। धड़ाधड़ प्रस्तावित स्थल के आसपास जमीनें खरीदी जाने लगीं। 4-5 लाख रुपए एकड़ की जमीन 30-40 लाख रुपए एकड़ तक पहुंच गई। नेता-मंत्रियों से लेकर इंदौर-भोपाल के कई अफसरों ने भी यहां जमीनों में निवेश कर डाला। शहर के कई चर्चित प्रॉपर्टी ब्रोकर भी इस काम में जुटे रहे, मगर अब एयरपोर्ट खटाई में पडऩे और नई जगह शिफ्ट होने के चलते करोड़ों रुपए का निवेश डूब जाएगा। अब श्री महाकाल लोक के कारण इंदौर से उज्जैन के बीच की जगह को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।

चापड़ा की जमीन ही क्यों?

  • यहां जमीन आसानी से उपलब्ध थी। कुछ सरकारी जमीन भी है।
  • प्रदेश की 40% इंडस्ट्री इंदौर, देवास, पीथमपुर में हैं। यह डीएमआईसी के नजदीक है।
  • लॉजिस्टिक व अन्य इंडस्ट्री के विकास के लिए केंद्रीय मंत्री ने भी स्वीकृति दी है।
  • राज्य शासन का हाईवे प्रोजेक्ट भी यहीं से गुजरने वाला है।
  • शाजापुर से देवास एबी रोड, इंदौर-भोपाल रोड, भोपाल-जयपुर रोड, नरसिंहगढ़ को सड़कों से भी आपस में जोड़ा जाएगा।
  • मेगा इंडस्ट्रियल रीजन बनाने का रोडमैप तैयार

इंदौर-भोपाल रोड पर ही 30 हजार एकड़ क्षेत्र में मेगा इंडस्ट्रियल रीजन बनाने का रोड मैप भी तैयार है। इसकी घोषणा जनवरी में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट में होगी। राज्य सरकार का दावा है कि इस से प्रदेश के दो लाख युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इस रीजन में एसईजेड भी बनाए जाएंगे।

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