मध्य प्रदेश
मार्च तक झाबुआ तक रेल पहुंचाने की तैयारी : आजादी के बाद पहली बार रेल की आमद होगी
paliwalwaniझाबुआ. पश्चिम रेलवे जारी वित्तीय वर्ष में दाहोद से कतवारा होते हुए झाबुआ तक रेल लाइन बिछाने के लक्ष्य के हिसाब से काम कर रहा है। यह हिस्सा इंदौर-दाहोद (Indore-Dahod) नई रेल लाइन परियोजना का हिस्सा है। यानी 2025 में रेलविहीन झाबुआ में आजादी के बाद पहली बार रेल की आमद होगी।
लांकि, झाबुआ से सरदारपुर-अमझेरा होते हुए धार तक दाहोद लाइन बिछने में अभी कम से कम तीन से चार साल का वक्त लगेगा, तभी इंदौर और झाबुआ का रेल कनेक्शन स्थापित हो सकेगा। मार्च-25 तक रेलवे ने केवल दाहोद से झाबुआ तक के 22 किलोमीटर हिस्से को ही चालू करने का लक्ष्य तय किया है। इंदौर-धार के बीच रेल संपर्क जुड़ने में कुछ ज्यादा समय लग सकता है।
इंदौर-खंडवा बड़ी लाइन प्रोजेक्ट के तहत महू-पातालपानी (5.51 किलोमीटर) और सनावद-ओंकारेश्वर रोड (5.40 किमी) गेज कन्वर्जन पूरा होने के बाद इस साल इस प्रोजेक्ट में और कोई नया लक्ष्य नहीं दिया गया है। यह प्रोजेक्ट पूरा होने में भी कम से कम तीन से चार का समय लगना तय है।
छोटा उदेपुर से धार के बीच बिछने वाली लाइन के लक्ष्य बड़े
रेलवे ने छोटा उदेपुर से धार के बीच बिछने वाली लाइन के लिए भी मार्च-2025 तक के लक्ष्य तय किए हैं। इसके अनुसार पश्चिम रेलवे को निर्धारित अवधि में जोबट से डेकाकुंड (11.88 किमी) और डेकाकुंड से टांडा रोड (15.70 किमी) तक नई लाइन बिछाने के काम पूरे करना हैं। यह इंदौर और आसपास चल रहे कार्यों में सबसे बड़ा लक्ष्य है।