मध्य प्रदेश
स्कूलों की फ़ीस वृद्धि पर सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
Paliwalwaniमध्यप्रदेश। स्कूलों के पूरी फीस वसूलने के मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है. याचिका पर जल्द ही सुनवाई की जाएगी. आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने एक आदेश के तहत कोरोना काल खत्म होने के बाद निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में भी फीस वसूलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद निजी स्कूल अभिभावकों से मनमाने ढ़ंग से फीस वसूल रहे हैं. ऐसी कई शिकायतें सामने आने के बाद इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने इसके खिलाफ नई याचिका दाखिल की है.
क्या टल गया है कोरोना संकट?
देश में एक बार फिर से कोरोना दस्तक देने लगा है. एक्सपर्ट भी इसे तीसरी लहर की आहट बता रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की तैयारी में है. नया वेरिएंट अमीक्रोन भी दहशत फैला रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि अभी करोना संकट टला नहीं है. प्रदेश सरकार ने भी एक बार फिर से स्कूलों में भी आधी क्षमता से छात्रों को प्रवेश देने के सरकार ने निर्देश दिए हैं, हालांकि अभी ऑनलाइन क्लासेस बंद नहीं की गई हैं. बावजूद इसके फीस वसूलने के अपने आदेश में राज्य सरकार ने कोई बदलाव नहीं किए हैं.राजस्थान सरकार के फैसले का दिया था हवाला राजस्थान सरकार के एक आदेश का हवाला देते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने भी फीस वसूलने संबधित मामले में निजी स्कूलों को छूट दी थी. इस आदेश के तहत स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में भी फीस ले सकते हैं. इससे पहले कोरोना काल के दौरान लगाई गई एक याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा था कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस वसूल सकते हैं. जो कोरोना काल खत्म होने तक ली जाए, लेकिन राज्य सरकार के आदेश के बाद फीस वसूलने की छूट मिलते ही स्कूल बढ़ी हुई फीस वसूलने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने लगे हैं.
कोरोना को लेकर फिर बदले हालात
कोरोना को लेकर हालात एक बार फिर बदलते नजर आ रहे हैं. सरकार भी एहतियाती कदम उठा रही हैं. दूसरी तरफ एक्सपर्ट इसे तीसरी लहर की आहट मानकर चल रहे हैं. नए मामले भी सामने आने लगे हैं. इसे देखते हुए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने हाईकोर्ट में राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए एक नई याचिका दाखिल की है. जिसमें कहा गया है कि जब करोना काल खत्म नहीं हुआ है, स्कूल पूरी क्षमता से नहीं खुले हैं, ऐसे में निजी स्कूलों को पूरी फीस वसूलने की छूट क्यों दी जा रही है. इस मामले पर हाई कोर्ट जल्द सुनवाई करेगा.