मध्य प्रदेश
MP Singrauli Anganwadi Scam: गजब का आंगनवाड़ी घोटाला, 610 रुपये की थाली और 1 हजार रुपये की बाल्टी खरीदी
PALIWALWANI
MP Singrauli Anganwadi Scam: सिंगरौली में कुछ महीने पहले आंगनवाड़ियों में बर्तन खरीदने को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया था। बाजार के दामों से कई गुना ज्यादा कीमत पर बर्तनों की खरीदी हुई थी। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने विधानसभा सत्र के दौरान इस घोटाले और जिम्मेदारों पर हुई कार्रवाई का खुलासा किया है।
कई अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप
अधिकारियों पर आरोप था कि सिंगरौली की आंगनवाड़ियों में बाजार की कीमत से कई गुना ज्यादा दामों पर बर्तन खरीदे गए हैं। सरकारी पैसे की हेराफेरी हुई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे थे, लेकिन किसी ने खुलकर जवाब नहीं दिया था।
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने उठाया था सवाल
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सिंगरौली में बर्तन खरीद घोटाले का सवाल उठाया था। इसके जवाब में अधिकारियों की अनियमितताओं से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
रेट लिस्ट ने चौंकाया
महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने एक रेट लिस्ट पेश की जिसमें सिंगरौली के अधिकारियों की खरीदी का खुलासा हुआ। इस लिस्ट के मुताबिक स्टील थाली 610 रुपये, स्टील ग्लास 162 रुपये, स्टील चम्मच 38 रुपये, स्टील करछुल 355 रुपये, स्टील कंटेनर 993 रुपये, स्टील जग 247 रुपये और स्टील बाल्टी 1 हजार रुपए प्रति नग के हिसाब से खरीदी गई थी।
बर्तन घोटाला
सिंगरौली की आंगनवाड़ियों में थालियों पर 2.83 करोड़ रुपये, बाल्टियों पर 31 लाख रुपये, गिलासों पर 74 लाख रुपये, चम्मचों पर 17 लाख रुपये और कंटेनरों पर 61 लाख रुपये खर्च किए गए थे।
MP नहीं छत्तीसगढ़ से हुई बर्तनों की खरीदी
सिंगरौली में आंगनवाड़ियों के लिए बर्तन सिंगरौली और न ही भोपाल से खरीदे गए। बर्तनों की खरीदी छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से हुई है।
जय माता दी कॉर्पोरेशन पर गंभीर सवाल
सिंगरौली में अधिकारियों ने खुले बाजार की जगह गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के जरिये कई गुना ज्यादा दामों पर सौदा किया। बर्तनों का टेंडर छत्तीसगढ़ की ‘जय माता दी कॉर्पोरेशन’ को दिया गया था, जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं।
दोषियों पर कार्रवाई शुरू
MP की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि ये घोटाला उनके संज्ञान में है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। केस की जांच के लिए रीवा संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। गड़बड़ियों में शामिल जिला कार्यक्रम अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा, सामग्री आपूर्ति की प्रक्रिया चल रही है। भुगतान को फिलहाल रोका गया है ताकि घोटाले की पूरी जांच की जा सके।