मध्य प्रदेश
Madhya Pradesh सरकार को लगा करोड़ों का चूना, सड़ा और घुन लगा गेंहू खरीदने पर FIR
paliwalwaniजबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिलेमें करोड़ों के गेंहू घोटाला पर प्रशासन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. शहपुरा के राघव वेयरहाउस में सड़ा और घुन लगा गेहूं मिलने का सिलसिला 15 मई 2024 को जारी रहा. वेयरहाउस की जांच खत्म कर फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी. एमएसपी पर खरीदी के दौरान प्राथमिक तौर पर गड़बड़ी साबित होने पर समिति प्रबंधक, खरीदी केन्द्र प्रभारी, वेयरहाउस संचालक और ऑपरेटर्स पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि गड़बड़ी करने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा, इस संबंध में अन्य वेयरहाउस की भी जांच होगी. इससे पहले शहपुरा के राघव वेयरहाउस में मंगलवार को बरगी विधायक नीरज सिंह और तहसीलदार रविन्द्र पटेल ने निरीक्षण किया था. मौके पर भारी मात्रा में सड़ा और घुन लगा गेहूं मिला था.
इस दौरान 13 में से 2 स्टैक्स की जांच के दौरान करोड़ों रुपये का सड़ा और घुन लगा गेहूं मिला था. बुधवार को कई अन्य स्टैक्स की जांच की गई, तो उनमें भी घटिया क्वालिटी का गेहूं मिला. शहपुरा के राघव वेयरहाउस में एमएसपी पर 212 किसानों से 25 हजार 800 क्विंटल गेहूं की खरीदी दर्ज की गई थी, जबकि मार्कफेड ने सिर्फ 20 हजार क्विंटल की स्वीकृति दी थी. इस आधार पर कुल भुगतान राशि 6 करोड़ 19 लाख में से 4 करोड़ 56 लाख का भुगतान हो चुका है.
गड़बड़ी को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर थाना चरगवां में अर्पित कुमार तिवारी जिला विपणन अधिकारी ने लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इसमें कहा गया है कि सूखा भरतपुर उपार्जन केन्द्र की गेहूं की खरीदी राघव वेयरहाउस में हो रही है. 14 मई को गेहूं खरीदी केन्द्र निरीक्षण जिला प्रशासन की टीम की ओर से किया गया, जिसमें घुन लगा और नान- एफएक्यू गेहूं स्टैक लगाकर भंडारित किया जाना पाया गया. यहां दो स्टैक्स के अलावा अन्य स्टैक में भी खराब गेहूं भरे होने की आशंका है.
खरीदी घपले में समिति प्रबंधक राजेश नंदेशरिया, खरीदी केन्द्र प्रभारी भूपेन्द्र सिंह पटेल, वेयरहाउस संचालक अभिषेक दीक्षित, ऑपरेटर श्रजल जैन, सर्वेयर प्रवीण रजक और शुभम शर्मा ने एक राय होकर उपार्जन नीति का पालन न करते हुए धोखाधड़ी की है. इन लोगों ने अमानक तरीके से गेहूं का उपार्जन कार्य लाभअर्जित करने के उद्देश्य से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए किया है..
इस आधार पर समिति प्रबंधक राजेश नंदेशरिया, खरीदी केन्द्र प्रभारी भूपेन्द्र सिंह पटेल, वेयरहाउस संचालक अभिषेक दीक्षित, ऑपरेटर श्रजल जैन, सर्वेयर प्रवीण रजक और शुभम शर्मा के विरुद्ध धारा 420, 409, 34 भारतीय दण्ड विधान का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.