इंदौर
अश्विन जोशी क्या पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की उपेक्षा के शिकार हुए...?
Paliwalwaniविधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 में मतदाताओं को इस बात से गहरी निराशा हुई है कि पानी वाले बाबा के नाम से लोकप्रिय रहे तीन बार के विधायक श्री अश्विन जोशी को इस बार कांग्रेस ने मैदान में नहीं उतारा
मतदाताओं में यह भी चर्चा है कि क्या अश्विन जोशी की राजनीतिक हत्या का षड्यंत्र रचा गया है ? कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अश्विन जोशी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की उपेक्षा के शिकार हुए हैं, इसकी वजह यह है कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 में कांग्रेस ने अपने सभी मापदंडों की खुद ही धज्जियां उड़ाई हैं।
कांग्रेस का यह मानना था कि सभी टिकट सर्वे के आधार पर दिए गए हैं, जबकि क्षेत्र क्रमांक 3 के टिकट को लेकर पिछले दो सालों से दिग्विजय सिंह कह रहे थे कि वे इस बार अश्विन जोशी को टिकट नहीं देंगे ऐसी स्थिति में सर्वे की बात पूरी तरह से झूठ साबित होती है इसके साथ यह भी कहा गया था कि कांग्रेस दो बार के हारे हुए को टिकट नहीं देगी जबकि इंदौर से ही चार बार के हारे हुए सत्यनारायण पटेल को टिकट दे दिया गया है पटेल के साथ ही सुभाष सोजतिया को भी टिकट मिला है जो तीन बार चुनाव हार चुके हैं लोगों में यह भी चर्चा है कि कांग्रेस खुद अपने द्वारा निर्धारित मापदडों की धज्जियां इसलिए उड़ा रही है ताकि अश्विन जोशी जैसे दबंग और लोकप्रिय नेता को विधायक बनने से रोका जा सके ।
पहले भी कांग्रेस के कई नेता दिग्विजय सिंह की उपेक्षा के शिकार हुए हैं और इस बार उन्होंने अपने इस विनाशकारी कदम से क्षेत्र क्रमांक 3 के साथ ही प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का अहित किया है जिसके लिए उन्हें इंदौर की जनता कभी माफ नहीं करेगी ।
लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि अश्विन जोशी द्वारा कभी भी चुनाव लड़ने से इनकार नहीं किया गया और ना ही कभी यह कहा गया कि उनकी जगह पिंटू जोशी चुनाव लड़ेंगे यह अफवाह भी दिग्विजय सिंह द्वारा फैलाई गई ताकि दबंग नेता अश्विन जोशी की राजनीतिक हत्या की जा सके ।
ज्ञात रहे कि अश्विन जोशी पिछले 35 सालों से दिग्विजय सिंह के शिष्य रहे हैं ऐसे में प्रश्न उठता है कि उन्होंने अपने ही शिष्य के साथ ऐसा क्यों किया ? आखिर क्यों दिग्विजय सिंह अपने ही खास समर्थकों को साजिश का शिकार बना रहे हैं यह भी कहा जा रहा है कि दिग्विजयसिंह ने महेश जोशी जी से अंतिम समय में यह वादा किया था कि वे उनके बेटे पिंटू जोशी को टिकट जरुर दिलाएंगे लेकिन इस वादे की आड़ में जन-जन में लोकप्रिय नेता अश्विन जोशी की राजनीतिक हत्या करने की जरूरत क्या थी ?