इंदौर

शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के 60 वर्ष पूर्ण होने पर आरंभ हुआ तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह

Paliwalwani
शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के 60 वर्ष पूर्ण होने पर आरंभ हुआ तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह
शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के 60 वर्ष पूर्ण होने पर आरंभ हुआ तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह

इंदौर : शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय जैसी ऐतिहासिक धरोहर को विकसित करने और भावी पीढ़ी को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की इंदौर वासियों की साधना और तपस्या में समाज के साथ-साथ शासन भी अपनी सहभागिता निभाना चाहता है। इस पुनीत कार्य में हर व्यक्ति अपना सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। राज्य शासन की ओर से  शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के उन्नयन और आधुनिकरण के लिए 25 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी साथ ही यह अपेक्षा है कि पुस्तकालय के विकास के लिए परामर्शदात्री समिति द्वारा एक बड़ी कार्ययोजना तैयार कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाए और मैं यह आश्वासन देता हूं कि शासन उस प्रस्ताव पर अपना हर संभव योगदान देगा।" इन शब्दों के साथ मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार ने शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित हीरक जयंती समारोह का शुभारंभ किया। मंत्री श्री परमार के मुख्य आतिथ्य में आज शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय परिसर में तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी, क्षेत्रीय विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय, संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा, पद्मश्री डॉ जनक पलटा मगिलिगन, पद्मश्री श्री भालू मोंढे, वरिष्ठ पत्रकार श्री कृष्ण कुमार अस्थाना, वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रीतम लाल दुआ, श्री अनिल भंडारी, क्षेत्रीय ग्रंथपाल श्रीमती लिली डावर सहित पुस्तकालय के कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

देश की परंपरा एवं संस्कृति को बनाए रखने में शिक्षा का है विशेष महत्व-मंत्री श्री परमार

मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास सिर्फ समाज की सहभागिता से ही संभव है।सरकार उसमें सहयोगी का काम करती है लेकिन समाज की सहभागिता और एकता उसके विकास की नींव रखती है। उन्होंने कहा कि देश की परंपरा एवं संस्कृति को बनाए रखने में शिक्षा का विशेष महत्व है। शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में पुस्तकालय का विशेष योगदान सदैव ही रहा है। हमारे देश में पुस्तकों का इतिहास दुनिया में सबसे ज्यादा पुराना है। प्राचीन काल में भी लोग विश्वभर से भारत में ज्ञान प्राप्त करने आते थे,इसी से भारत को विश्व गुरु की उपाधि मिली थी। भारत ने हर संस्कृति को संरक्षण देकर पोषित किया है। यहां किसी भी वर्ग में भेदभाव नहीं होता,हर किसी को सम्मान दिया जाता है, यह शक्ति हमें शिक्षा से ही मिली है।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि शिक्षा श्रेष्ठ नागरिक का निर्माण करती है। हमारी भावी पीढ़ी के बेहतर निर्माण के लिए नई शिक्षा नीति भारत सरकार द्वारा बनाई गई है। भारत के कौशल और परंपरागत ज्ञान को आधुनिकता से जोड़ कर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने में नई शिक्षा नीति ने नवीन पहल की है। इस नीति का निर्माण समाज की सहभागिता से ही हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में नवीन उदाहरण स्थापित करेगा और प्रदेशवासी मिलकर आजादी के अमृत महोत्सव को नए स्वरूप के रूप में मनाएंगे जिसमें शिक्षा की महती भूमिका रहेगी।

पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी शुरू करने के लिए किए जा रहे हैं प्रयास - सांसद श्री लालवानी

सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय हमारे जिले की वह धरोहर है जो इंदौर का गौरवशाली इतिहास बयां करती है। जिलेवासी पिछले 60 वर्षों से ज्ञान प्राप्ति के लिए इसका उपयोग करते आ रहे हैं और जिले के पाठकों के लिए इस पुस्तकालय को अधिक उपयोगी और सुविधा युक्त बनाने के लिए शासन द्वारा समाज की सहभागिता के साथ  विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी की सुविधा शुरू करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए एयर कंडीशन हॉल भी तैयार किया गया है।

क्षेत्रीय विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसी भी पुरुष को पुरुषोत्तम और नर को नारायण बनाने में पुस्तकों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। पुस्तके हमें अच्छाई का बोध कराती हैं। यह हमारी अनमोल धरोहर है जिसे शासकीय श्री केंद्रीय पुस्तकालय ने संजो कर रखा है। उन्होंने पुस्तकालय के समस्त स्टाफ को 60 वर्ष के इस सफल सफर के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

हीरक जयंती समारोह के अवसर पर शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय ने अपनी नवीन वेबसाइट भी लांच की जिसके माध्यम से शहर के युवा 90 हजार पुस्तकों को ऑनलाइन पढ़ सकेंगे। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने पुस्तकालय के 60 वर्ष के सुनहरे सफर की डॉक्यूमेंट्री भी देखी। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह में विभिन्न तरह की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी जिसमें संगोष्ठी, कार्यशाला, कविता एवं कहानी वाचन सहित अन्य कई तरह की गतिविधियां शामिल है।

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