इंदौर

Indore news : इंदौर के अनाथ आश्रम में 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ी : दो बच्चों की मौत

paliwalwani
Indore news : इंदौर के अनाथ आश्रम में 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ी : दो बच्चों की मौत
Indore news : इंदौर के अनाथ आश्रम में 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ी : दो बच्चों की मौत

इंदौर.

इंदौर के अनाथ आश्रम में 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। दो दिन में दो बच्चों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बच्चों के खून में इंफेक्शन मिला है। मंगलवार सुबह बच्चों को एमवाय अस्पताल से चाचा नेहरु अस्पताल भेजा गया है।

सभी बच्चे मल्हारगंज स्थित श्री युगपुरुष धाम में रह रहे थे। इन्हें अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गया था। मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। मंगलवार सुबह 7 साल के आकाश ने दम तोड़ दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। आश्रम की ओर से बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को लेटर लिखकर मामले की जानकारी दी गई है। इसमें खून में इंफेक्शन होने की बात लिखी है।

कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया, 2 बच्चों की मौत हुई है। डायरिया या डीहाइड्रेशन से 1 मौत की आशंका है। 1 मौत फिट जैसी बीमारी के कारण होना पता चली है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

जिस बच्चे को पहले इंफेक्शन हुआ, वह स्वस्थ

बताया जा रहा है कि सबसे पहले आश्रम में कृष्णा को इंफेक्शन हुआ था। इसके बाद बाकी बच्चों की हालत बिगड़ी। कृष्णा अब स्वस्थ है। 12 साल का करण देवास जिले के सोनकच्छ का रहने वाला था। इसे 15 महीने पहले चाइल्ड लाइन के माध्यम से आश्रम में लाया गया था। जबकि, नर्मदापुरम जिले का रहने वाला 7 साल के आकाश को चाइल्ड लाइन ने 3 महीने पहले आश्रम को सौंपा था।

मानसिक रूप से कमजोर बच्चों का आश्रम है

इंदौर के पंचकुइया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम डॉ. अनिता शर्मा लिखा हुआ है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

2006 में 78 बच्चों से हुई शुरुआत

आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह संचालित हो रहा है। तब सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News