इंदौर
भवन निर्माण की आजादी दे : सभी इंजीनियर और आर्किटेक्ट सहमत होंगे, अशोक मेहता
अशोक मेहताभवन निर्माण की आजादी दे...
प्लाट डेवलपमेंट होते होते अनेक NOC लगती है। जब आप प्लाट खरीदते हैं तो रजिस्ट्री के लिए पहले टाइम स्लाट लेना पड़ता है टाइम स्लॉट के बाद रजिस्ट्री का समय मिलता है उसके बाद भवन निर्माण के लिए आवेदन दो और भवन निर्माण की स्वीकृति जब मिलती है कि जब आप नगर निगम द्वारा स्थापित तमाम टैक्स आदी भरे। अब मुसीबत छोटे प्लाट वालों की होती है जो वास्तु के अनुसार मकान बनाना चाहते हैं लेकिन नगर निगम द्वारा जो खुली जगह छोड़ने की बंदीशे लगाई गई है वह कई प्लाटो के लिए वास्तु मत के बिल्कुल विपरीत होती है.
नगर निगम द्वारा एक समान नियम सभी के लिए बन जाते हैं जो कि गलत है हर प्लाट वाले के परिवार की अलग मान्यता होती है उसे अपने अनुसार मकान बनाने की आजादी मिलना चाहिए। अभी नगर निगम छोटे प्लाट पर आगे पीछे और साइड में लिमिटेड चौड़ाई की एक शैली की जगह छुड़वाती है जो कि किसी काम में नहीं आती यदि भवन निर्माण के लिए मकान मालिक को आजादी दे कि जितने एरिया की अनुमति निर्माण की है उतना आप अपने अनुसार कहीं भी बना लें बाकी प्लाट पर अपने अनुसार जगह छोड़े तो उसके लिए सर्वयुक्त होगी.
मकान के बीच या प्लाट के एक तरफ या आगे खुली जमीन छोड़ने तो एक लंबी चौड़ी जगह उसको उपयोग में मिल जाएगी पर 3 फीट 5 फीट या 8 फीट की पूरी लंबी जगह छोङने मे नुकसान है वह जगह से गलियारा मात्र रह जाती है। अतः भवन निर्माण की आजादी देना चाहिए। व्यक्ति अपने अनुसार भवन बना सके।
उपरोक्त आर्टिकल अनुसार नियमों में परिवर्तन की मांग होना चाहिए ताकि जनता को राहत मिले और घर आवश्यकता अनुसार बन सके।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
(सिविल इंजीनियर एवं आर्किटेक्चरल डिजाइनर)
D.C.E, B.Sc (Arch)USA, P.G.D(Eco. & Env.)