इंदौर
इंदौर निगम इतिहास में पहली बार निगम आयुक्त सहित अधिकारियों के वाहन जब्त, दफ़्तर पर चला कुर्की का डंडा
sunil paliwal-Anil Bagora
इंदौर.
निगम आयुक्त इंदौर सहित अधिकारियों के वाहन जब्त, दफ़्तर पर चला कुर्की का डंडा… सवा दो करोड़ की बकाया राशि के मामले में कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई.
एडीजे कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय में बड़ी कार्रवाई हुई। जिला न्यायालय की नज़रात विभाग की टीम पुलिस और वकीलों के साथ निगम मुख्यालय पहुंची और निगम आयुक्त समेत अधिकारियों की गाड़ियों को जब्त कर लिया।
यह कार्रवाई गौरीशंकर बनाम नगर निगम मामले में की गई, जिसमें सड़क चौड़ीकरण के दौरान टूटे मकान के एवज में कोर्ट द्वारा निर्धारित सवा दो करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि अब तक निगम द्वारा अदा नहीं की गई थी।
टीम ने गाड़ियों के साथ-साथ ऑफिस का फर्नीचर, अलमारी, कुर्सियाँ, पंखे, एसी और सोफे तक जब्त कर लिए। इस कार्रवाई के वक्त दूसरी ओर निगम का बजट सम्मेलन भी चल रहा था, जिसमें महापौर, आयुक्त और पार्षदगण मौजूद थे।
जैसे ही कुर्की की कार्रवाई शुरू हुई, पूरे निगम में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में कर्मचारी मौके पर जमा हो गए और अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। कोर्ट आदेश की अवहेलना पर की गई इस कार्रवाई ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक वैध मकान को तोड़ा : मामला गणेशगंज की सड़क चौड़ीकरण का था। आठ साल पहले नगर निगम ने सड़क की चौड़ाई में बाधक एक वैध मकान को तोड़ा था। मकान मालिक ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने मुआवजा देने के निर्देश दिए, लेकिन निगम द्वारा राशि नहीं देने पर कोर्ट के निर्देश पर निगम की संपत्ति कुर्क की गई।
2017 में गणेशगंज में रोड चौड़ीकरण के लिए गए मकान की क्षतिपूर्ति राशि को लेकर रवि शंकर मिश्रा ने हाई कोर्ट में परिवाद लगाया था। इस सड़क के लिए एक किलोमीटर की लंबाई में दो सौ से ज्यादा बाधक निर्माण तोड़े गए थे। तब निगम के सड़क बनाने का काफी विरोध हुआ था। एक गुरुद्वारे के आगे के हिस्से को तोड़ने का मुद्दा तब राष्ट्रीय स्तर पर गरमाया था।