इंदौर
सभी मीडिया प्रभारियों से निवेदन है कि गलत खबर वकीलों के खिलाफ ना चलाए : पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड
sunil paliwal-Anil Bagora
अधिवक्ता अरविंद जैन और उनके पुत्रों से मारपीट मामले में पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड
सभी मीडिया में सूचना प्रदान करे-मीडिया गलत खबर देकर वकीलों को बदनाम किया जा रहा है
इंदौर. वकीलों ने किसी भी प्रकार की हाथ पाई TI के साथ नहीं की. केवल उन्हें बोला गया कि झूठ मत बोलो और चेक करवाओ कि शराब पी या नहीं नशे में TI समझाने वकीलों को आए थे. ऊटपटांग शब्द बोलने लगे तो पता चला कि नशे में है.
वहीं PCR 100 डायल में भी एक constable और ड्राइवर दोनों नशे में गाड़ी चला रहे थे और शराब की बॉटल भी मौजूद मिली साथ ही गाड़ी में शराब की बदबू आ रही थी और वकीलों का मुद्दा यही था कि विवाद को सुलझाने की जगह किसी शराब बेचने वाले गुंडे व्यापारी जो पुलिस को हफ्ता देता है.
अवैध धंधे को क्षेत्र में करने के लिए वो शराब के नशे में बच्चों के द्वारा होली पर पानी के गुब्बारे फेंकने पर नशे में आकर अरविंद जैन के पुत्रों के साथ हाथापाई की और पहचान के पुलिस कर्मी को बुलाकर बीच बचाव करते हुए अरविंद जैन हाइकोर्ट वकील को पुलिस थाना प्रभारी और SI द्वारा लाठियों से बर्बरता पूर्वक मारा. ये बोलके अधिवक्ता कभी कभी हाथ लगते है. मारना तो बनता है, इस प्रकार अधिवक्ता से दुर्व्यवहार करके विवादित व्यक्ति को भी मारके उसका मेडिकल करवा कर FIR दर्ज अरविंद जैन खिलाफ कर दी और गिरफ्तार करके पुलिस बल के साथ थाने ले गए.
छोटे से विवाद में पुलिस बल पूर्वक, गुंडा गर्दी करके, अधिवक्ता को अपना दुश्मन और कानून का दुरुपयोग करके केस दर्ज किया जो कि अधिवक्ताओं के सम्मान में और अधिवक्ता के साथ अन्याय पूर्वक मारपीट पुलिस कर्मियों द्वारा की जो की निंदनीय है. यह घटना इंदौर अधिवक्ता संघ जिला व हाइकोर्ट को ज्ञात हुई. वैसे ही तत्काल प्रभाव से पुलिस प्रशासन से संपर्क किया. किंतु सहयोग नहीं किया, इसलिए परदेशीपुरा थाने का घेराव किया और हाइकोर्ट पर चकाजाम करने को मजबूर,
पुलिस प्रशासन के सहयोग के कारण अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ा और पुलिस प्रशासन से अपनी मांगे रखी गई. जिसमें अपराधियों के खिलाफ FIR दर्ज हो, पुलिस वालो को निलंबित किया जाए और झूठी FIR अरविंद जैन खिलाफ की गई निरस्त की जाए. जिसमें पुलिस द्वारा परदेशीपुरा थाने के प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया.
पारस जैन (अधिवक्ता)
जिला उपाध्यक्ष (विधि प्रकोष्ठ)