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प्रधानमंत्री रहते जिस आतंकी संगठन से था बैर अब उसी ने दिया इमरान को ऑफर!

Paliwalwani
प्रधानमंत्री रहते जिस आतंकी संगठन से था बैर अब उसी ने दिया इमरान को ऑफर!
प्रधानमंत्री रहते जिस आतंकी संगठन से था बैर अब उसी ने दिया इमरान को ऑफर!

पाकिस्तान. पाकिस्तान में इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे, तो उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान’ (TTP) था. टीटीपी एक आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान में खूनी खेलता रहता है. इसके निशाने पर पाकिस्तानी सेना हमेशा से ही रहती है. टीटीपी Pakistan के पश्चिमी हिस्से में अफगानिस्तान से लगती सीमा पर एक्टिव है. इमरान ने प्रधानमंत्री रहते इस आतंकी संगठन के ऊपर खूब कार्रवाई की, मगर अब वक्त बदल चुका है और इमरान टीटीपी के दुलारे बन गए हैं.

दरअसल, हाल ही में टीटीपी ने अपनी मैगजीन जारी की है, जिसमें इमरान की शान में कसीदे गढ़ गए हैं. एक वक्त टीटीपी के लिए नासूर रहे इमरान अब उसके आंखों के तारे बन गए हैं. जिस आतंकी संगठन को इमरान ने जड़ से उखाड़ने की कोशिश की, अब वही उनके लिए थाली में रखकर एक ऑफर लाया है. ये ऑफर है, पाकिस्तान में शरिया लागू करना. टीटीपी ने कहा है कि अगर इमरान का साथ मिल जाए, तो देश में शरिया कानून लागू किया जा सकता है.

मुख्यधारा में हुई आतंकी संगठन की एंट्री

टीटीपी ने हाल ही में अपनी मैगजीन का 16वां अंक जारी किया. मैगजीन के कवर पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और अफगान तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की बैठक की तस्वीर को जगह दी गई है. टीटीपी ने दावा किया है कि देश की मुख्यधारा में इस आतंकी संगठन की एंट्री हो चुकी है. संसद भी अब इसकी पहुंच से अछूता नहीं है. मैगजीन में जिक्र किया गया है कि आवाम अब पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बगावती हो चुकी है.

शरिया लागू करने का मिला ऑफर

टीटीपी की मैगजीन में इमरान की तारीफों के पुल बांधे गए हैं. कहा गया है कि जिस तरह से इमरान ने सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है, वो काबिले-तारीफ है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि मैगजीन में लिखा गया है कि इमरान की पार्टी ने सेना से बगावत कर अच्छा काम किया है. इमरान को ऑफर देते हुए कहा गया है कि ये वक्त शरिया लागू करने के लिए बेहतरीन है. जो लोग टीटीपी से सहमित रखते हैं, उन सभी लोगों को हमसे हाथ मिला लेना चाहिए.

पुराना है इमरान और टीटीपी का याराना

टीटीपी के ऑफर को सुनकर लोगों को हैरान होने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इमरान का इस आतंकी संगठन के साथ याराना बहुत पुराना है. इमरान ने खुद जनवरी में कहा था कि जब उनकी सरकार थी, तो उन्होंने योजना बनाया था कि देश की मुख्यधारा में टीटीपी को भी जगह दी जाए. लेकिन कुछ प्रांतों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसकी वजह से इमरान का प्लान फेल हो गया.

कुल मिलाकर 5000 तालिबान लड़ाकों को बसाने का प्लान बनाया गया था. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इमरान के प्रधानमंत्री रहते एक ओर टीटीपी लगातार पाकिस्तान में लोगों को निशाना बना रहा था. दूसरी ओर इमरान उसके साथ बातचीत करने में जुटे हुए थे. इमरान के अधिकारियों और टीटीपी आतंकियों के बीच खूब बातें हुआ करती थीं.

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