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इमरान खान ने पाकिस्तान को किया संबोधित : हम कोई टिश्यू पेपर नहीं हैं जो आप इस्तेमाल करके फेंक दें : इमरान हुए भावुक

Paliwalwani
इमरान खान ने पाकिस्तान को किया संबोधित : हम कोई टिश्यू पेपर नहीं हैं जो आप इस्तेमाल करके फेंक दें : इमरान हुए भावुक
इमरान खान ने पाकिस्तान को किया संबोधित : हम कोई टिश्यू पेपर नहीं हैं जो आप इस्तेमाल करके फेंक दें : इमरान हुए भावुक

पाकिस्तान : सु्प्रीम कोर्ट में अपनी सरकार के खिलाफ फैसला आने के एक दिन बाद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने देश को संबोधित किया. इस दौरान वह विपक्ष और अमेरिका पर जमकर बरसे. अपने संबोधन के दौरान इमरान भारत का जिक्र करते समय भावुक भी हो उठे. उन्होंने भारत को एक खुद्दार देश बताते हुए उसकी विदेश नीति की फिर तारीफ की. मेरा जुर्म क्या है. इन्होंने मेरा रिकॉर्ड देखा और पाया कि इसने (इमरान) इराक मुद्दे पर खिलाफत की. अफगानिस्तान के हालात पर बात की. हमारे देश में गैरकानूनी 400 ड्रोन हमले हुए और इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया. ये हमारी कठपुतली नहीं बन सकता. हमें फैसला करना है कि हमें किस तरह का पाकिस्तान चाहिए. इमरान खान एंटी अमेरिका नहीं है. लेकिन हम कोई टिश्यू पेपर नहीं हैं जो आप इस्तेमाल करके फेंक दें. 

इमरान बोले, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश

इस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुझे मायूसी हुई, लेकिन मैं इसकी इज्जत करता हूं. सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए था कि बाहर का एक मुल्क सरकार के खिलाफ साजिश करके उसे गिराता है. अदालत कम से कम उस दस्तावेज को एक बार देख तो लेता. देख लेता कि हम सच बोल रहे हैं या नहीं.  

भेड़ बकरियों की तरह नेताओं को होटलों में बंद

इमरान ने कहा, खुलेआम हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, भेड़ बकरियों की तरह नेताओं को होटलों में बंद किया जा रहा है. ये कौन सी जम्हूरियत है. इंसाफ के सबसे बड़े फोरम से हम उम्मीद करते थे कि वो इसका संज्ञान लेगा. आज पाकिस्तान का मजाक बन गया है. पैसे के लिए ये लोग अपना जमीर बेच रहे हैं. रिजर्व सीट वाले भी बिक रहे हैं, जबकि इसे तो पार्टी वाले तोहफे के रूप में देते हैं. 

22 करोड़ लोगों की तौहीन, अगर ऐसा है तो हम आजाद क्यों हुए

पाक पीएम ने कहा विदेशी ताकत यहां लोगों से मिलती है और मेरे नहीं हटने पर देश को नुकसान होने की बात कहती है. ऐसी धमकी 22 करोड़ लोगों की तौहीन है. अगर ऐसा है तो हम आजाद क्यों हुए. डर में रहना है तो आजाद क्यों हुए? क्या हमें ऐसे ही रहना है कि बाहर से कोई हुक्म दे रहा है. अमेरिकी डिप्लोमैट हमारे नेताओं से मिल रहे हैं. शाहबाज शरीफ को सब कुछ पता था. अब अवाम को फैसला करना है. 

भारत को बताया खुद्दार देश, हुए भावुक  

हमारे साथ ही हिंदुस्तान आजाद हुआ था. वहां बहुत सम्मान और प्यार मिला. (इस दौरान इमरान भावुक हो उठे) वो एक खुद्दार कौम हैं। किसी सुपर पावर की जुर्रत नहीं है कि वहां ऐसा कुछ कर दे. मैं हिंदुस्तान का विरोधी नहीं हूं. कश्मीर, आरएसएस की वजह से रिश्ते खराब हुए. भारत की विदेश नीति आजाद है. 

विपक्ष अब ईवीएम खत्म करने की साजिश करेंगे

मैं क्रिकेट में न्यूट्रल अंपायर लेकर आया था. मैं चाहता था कि इस देश में न्यूट्रल चुनाव हों. इसीलिए ईवीएम लाई गई हैं. लेकिन ये लोग (विपक्ष) अब ईवीएम खत्म करने की साजिश करेंगे. अगर इन्हें जम्हूरियत की फिक्र है तो चुनाव का एलान करें, देख लेंगे जनता किसे पसंद करती है. मैंने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है. मुझे एक बार फिर बाहर निकलकर संघर्ष करना है.

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