देश-विदेश
लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला
Paliwalwani
न्यूयॉर्क : मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को उस समय हमला किया गया, जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले थे. रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति तेजी से उनकी ओर बढ़ा और धारदार चाकू से उन पर हमला कर दिया. इसके बाद रुश्दी मंच पर गिर पड़े. दरअसल, उनके लेखन के चलते 1980 के दशक में ईरान से उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क (New York) में एक कार्यक्रम के दौरान जानलेवा हमला (Attack) हुआ है. कार्यक्रम के दौरान मंच पर सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर चाकू से अटैक किया गया. हमलावर ने सलमान रुश्दी को मुक्के भी मारे हैं. 75 वर्षीय सलमान रुश्दी इस कार्यक्रम में लेक्चर देने वाले थे. हमले में घायल सलमान रुश्दी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहीं हमलावर को हिरासत में ले लिया गया है.
कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़ा हमलावर
न्यूयॉर्क पुलिस ने बताया कि एक संदिग्ध कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़ गया। घटना सुबह 11 बजे (स्थानीय समयानुसार) की है. सलमान रुश्दी और एक साक्षात्कारकर्ता पर चौटौक्वा में चौटौक्वा संस्थान में हमला किया गया. रुश्दी की गर्दन पर चाकू से वार किया गया था. उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है. साक्षात्कारकर्ता को सिर में मामूली चोट आई हैं.
अभी जीवित हैं रुश्दी: गवर्नर
न्यूयॉर्क राज्य की गर्वनर कैछी होचुल ने कहा रुश्दी अभी जीवित हैं. उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. रुश्दी को एयरलिफ्ट किया गया है. इवेंट मॉडरेटर पर भी हमला किया गया था. उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
तसलीमा नसरीन ने क्या कहा?
मामले में तसलीमा नसरीन ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ. मैं सचमुच स्तब्ध हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. वह पश्चिम में रह रहे हैं और 1989 से उन्हें सुरक्षा दी जा रही है. यदि उन पर हमला हो जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है. मैं चिंतित हूं.
रुश्दी भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को रुश्दी जब व्याख्यान देने वाले थे, तभी उन पर हमला किया गया. रुश्दी भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक हैं. 1980 के दशक में अपनी एक किताब सैटेनिक वर्सेस को लेकर विवादों में आ गए थे. इस किताब को लेकर मुस्लिम समाज में काफी आक्रोश था, एक धार्मिक नेता ने उनकी मौत पर भी फतवा जारी किया था.