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कोरोना के बाद अब दूसरी महामारी का बढ़ रहा खतरा : भारत बोला-घबराएं नहीं, सतर्क रहें...
paliwalwaniनई दिल्ली.
चीन में एक और नए वायरस ने हड़कम्प मचा दिया है, जिसके बाद भारत सहित दुनिया के अन्य देश अलर्ट मोड में आ गए. एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) नामक इस नए वायरस ने चीन में कई लोगों को अपनी चपेट में लिया है. खबरों की मानें यह भी सांस संबंधी परेशानी लेकर आ रहा है.
यह बुजुर्गों से लेकर बच्चों पर अधिक असर कर रहा है. इसी बीच भारत की ओर से स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि चीन से लगातार एचएमपीवी के प्रकोप की खबरें आ रही हैं. हालांकि इसे लेकर भारत में श्वसन प्रकोप के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया और इन आंकड़ों के मुताबिक कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई.
मौजूदा स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है. हमारे पास स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर इंतजार हैं. वहीं आम जनता को भी अलर्ट किया गया है कि अगर उन्हें खासी-जुकाम है, तो वह दूसरों के सम्पर्क में आने से बचें, ताकि संक्रमण न फैले..!
साल 2019 के अंत में दुनियाभर में शुरू हुई कोरोना महामारी (Corona pandemic) को पांच साल से अधिक का समय बीत गया है। कोरोना के मामले वैश्विक स्तर (Global Level) पर भले ही फिलहाल बहुत कम हो गए हैं पर विशेषज्ञ कहते हैं इसे बिल्कुल नजरअंदाजा नहीं किया जा सकता है। सभी वायरस जिंदा रहने के लिए प्राकृतिक रूप से म्यूटेट होते रहते हैं जिस वजह से भविष्य में कोरोना के नए वैरिएंट्स के जोखिमों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
वैश्विक आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 के कारण महामारी की शुरुआत से अब तक 70.47 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 70.10 लाख से अधिक लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। हालिया रिपोर्ट्स में स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पांच साल के भीतर दुनियाभर में कोरोना के बाद एक और महामारी का खतरा बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस बार जिस वायरस को लेकर चिंता जताई जा रही है वो है- बर्ड फ्लू (एच5ए1)। हाल के कुछ महीनों में यूएस-यूके सहित कई देशों में न सिर्फ बर्ड फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं साथ ही इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर दबाव भी बढ़ा दिया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या आने वाले दिनों में हमें एक और महामारी का सामना करना पड़ सकता है?
कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर चीन में एक “नई महामारी” के बढ़ते खतरे को लेकर चर्चा की जाती रही है। कुछ पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि अस्पताल और श्मशान घाट फिर से पैक देखे जा रहे हैं। लोगों को इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) जैसे वायरस का शिकार पाया जा रहा है।
हालांकि इसको लेकर न तो चीन सरकार न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएओ) ने कोई अलर्ट जारी किया है या फिर कोई आधिकारिक जानकारी दी है। इसके इतर एच5ए1 वायरस के कारण होने वाली जटिलताएं निश्चित ही चिंताजनक बताई जा रही हैं। वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से इस वायरस के नए स्ट्रेन देखे जा रहे हैं और जिस तरह से बर्ड फ्लू का प्रसार है ये जरूर चिंताजनक है।
पिछले कुछ महीनों में बर्ड फ्लू को लेकर सामने आई जानकारियों ने ‘महामारी’ का जोखिम लोगों के मन में डाल दिया है। बच्चों से लेकर वयस्क तक कई लोगों में बर्ड फ्लू के कारण गंभीर जटिलताएं देखी गईं। कनाडा में इस संक्रामक रोग की शिकार किशोरी में तो जटिलताएं इतनी बढ़ गई कि उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखना पड़ा।
येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की डीन डॉ. मेगन रैनी ने एक रिपोर्ट में कहा, ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिसमें बर्ड फ्लू के संक्रमण ने गंभीर जटिलताएं बढ़ा दी हैं। इस वायरस को लेकर विशेष सावधानी और गहन चर्चा की जरूरत है क्योंकि इसमें एक संभावित महामारी की क्षमता हो सकती है।
हाल के महीनों में बर्ड फ्लू वायरस कई खाद्य-पेय पदार्थों पाया गया। कई स्थानों पर गायों और कच्चे दूध में वायरस की पुष्टि हुई जिसको लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ये वायरस तेजी से और बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। अधिकारियों के अनुसार, वैसे तो अब तक दूध के कारण किसी व्यक्ति में बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। कुछ रिपोर्ट्स कहते हैं कि कच्चा दूध पीने के कारण कुछ बिल्लियों में ब्रेन डैमेज और इसके कारण मृत्यु के मामले जरूर देखे गए हैं, जिसने और भी चिंता बढ़ा दी है। बर्ड फ्लू (एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा) इस साल मार्च में पहली बार अमेरिका के डेयरी में कुछ गायों में पाया गया था, तब से यह वायरस कई स्टेट्स में तेजी से फैल रहा है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में अमेरिका में रहने वालों, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे खेतिहर मजदूरों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस मौसम में फ्लू का टीका लगवाना चाहिए, भले ही यह केवल मौसमी फ्लू से ही बचाव करता है। इस वायरस में हाल में देखे गए म्यूटेशन सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों को चिंतित कर रहे हैं, इससे महामारी की स्थिति पैदा हो सकती है जिसको लेकर सभी लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है।