दिल्ली
नई संसद के उद्घाटन पर मचा बवाल, 19 विपक्षी दलों ने की उद्घाटन से दुरी
Paliwalwaniनई दिल्ली. नई संसद के उद्घाटन को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के प्रस्तावित उद्घाटन को बड़ी संख्या में विपक्षी दलों ने बॉयकॉट करने का फैसला किया है। अब इन दलों में लालू यादव की पार्टी राजद, महाराष्ट्र का उद्धव ठाकरे गुट और शरद यादव की पार्टी एनसीपी भी शामिल हो गई है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई (एम) और सीपीआई पहले ही उद्घाटन कार्यक्रम में न शामिल होने का ऐलान कर चुके हैं।
टाटा प्रोजेक्ट्स ने नए संसद भवन के निर्माण का टेंडर जीता था, जो केंद्र की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजनाओं का एक हिस्सा था. टाटा प्रोजेक्ट्स ने लार्सन एंड टूब्रो को पछाड़ा था. टाटा प्रोजेक्ट्स ने 861.9 करोड़ रुपये में इस परियोजना को पूरा करने की पेशकश की थी. सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी करने की संभावना है.
भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्धघाटन समारोह में भाग नहीं लेगी। जैसे ही संसद सदस्यों को आमंत्रण की सॉफ्ट कॉपी मिलनी शुरू हुई, वे इस मुद्दे पर चर्चा करने लगे। विपक्षी सूत्रों ने संकेत दिया कि ज्यादातर दलों की राय है कि उन्हें एकजुट होकर समारोह से दूर रहना चाहिए, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम फैसला बुधवार को किया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है। उन्होंने कहा, ‘महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?’