दिल्ली
महबूबा मुफ़्ती के बदले सुर: बाहर पाक राग, मीटिंग में पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया
Paliwalwani
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के तेवर बदले नजर आ रहे थे। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाने के बाद वहां के राजनीतिक दलों के साथ केंद्र सरकार की यह पहली मीटिंग थी। जम्मू-कश्मीर के मसले पर दिल्ली में गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें जम्मू-कश्मीर के 14 दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को मिटाना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया के बाद सूबे में विधानसभा चुनाव कराना उनकी प्राथमिकता में है। बैठक में बड़ी बात ये रही कि जिन महबूबा मुफ्ती ने एक बार कहा था कि 370 के अंत के बाद कोई तिरंगा उठाने वाला ना होगा, वो आज इसी तिरंगे के सामने बैठकर अपनी बात रखती दिखाई दीं। जानते हैं साढ़े तीन घंटे की इस बैठक में अंदर क्या-क्या हुआ
पाकिस्तान, अलगाववादियों पर साध ली चुप्पी
बैठक में महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के साथ बातचीत और अलगाववादियों के मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली। इससे पहले महबूबा अलग-अलग फोरम पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करती रही हैं। महबूबा ने पीएम मोदी की तरफ से बातचीत का न्योता मिलने पर गुपकर गठबंधन की हुई बैठक के बाद भी मीडिया के सामने पाकिस्तान राग अलापा था। उनका अलगाववादियों के प्रति भी नरम रुख रहता है। हालांकि, जब मीटिंग में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से सामना हुआ तो उन्होंने पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया।
कश्मीर मुद्दे में पाकिस्तान भी पक्षकार'
सर्वदलीय बैठक को लेकर मुफ्ती ने गुपकार गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक के बाद कश्मीर मामले में पाकिस्तान से बात करने की वकालत की थी। महबूबा ने कहा था कि कश्मीर के मुद्दे में पाकिस्तान भी पक्षकार है। हालांकि महबूबा का इस बयान का जम्मू-कश्मीर में काफी विरोध हुआ था। पीडीपी चीफ के खिलाफ जम्मू में डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ता ने प्रदर्शन भी किया था। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की तेलंगाना इकाई ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के इस बयान की आलोचना की थी।
370 पर बोला तो मुफ्ती की करा दी बोलती बंद
बैठक में जब महबूबा ने जम्मू-कश्मीर को आर्टिकल 370 वापस देने की मांग करनी चाही तो पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मुजफ्फर बेग ने उन्हें टोक दिया। बेग ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। बेग ने कहा कि अधिकतर नेता चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। इसके अलावा यहां की जमीन और नौकरियां सुरक्षित की जाएं।